प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी शिलचर स्थित रांगिरखाड़ी में श्री श्री भोलागिरी आश्रम में 97वें श्री श्री भोलागिरी महाराज के तिरोधान दिवस का आयोजन धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर आश्रम में विभिन्न सनातन धार्मिक कार्यों का आयोजन किया गया।
सर्वप्रथम, तड़के पांच बजे मंगला आरती और प्रार्थना से कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसके बाद, सुबह छह बजे नियमित पूजा अर्चना, आठ बजे शिव के रुद्राभिषेक, और दस बजे विशेष पूजा का आयोजन किया गया। दोपहर बारह बजे भक्तों को महाप्रसाद वितरित किया गया। संध्या समय में आरती और उपासना का आयोजन किया गया, जिससे श्रद्धालुओं में भक्ति भाव की गहरी अनुभूति हुई।
इस अवसर पर भोलागिरी आश्रम के शिलचर शाखा के प्रमुख स्वामी भुवनेश्वरानंद गिरी महाराज ने कहा, “हमारे आश्रम में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति को सन्यास के आदर्श और जीवन पद्धति के बारे में गहरी समझ प्रदान करने के लिए विशेष कार्यकम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य व्यक्ति के मानसिक और आंतरिक विकास के साथ-साथ उसके आध्यात्मिक जीवन को भी गहराई से प्रभावित करना है। यह पहल उसे परमात्मा और गुरु के साथ एकात्मता की ओर अग्रसर करती है।”
उन्होंने आगे कहा, “इस जीवन की शुरुआत में ही यह आवश्यक है कि व्यक्ति अपने आत्मत्याग के मार्ग को समझे और उसी मार्ग पर आगे बढ़े। यही नहीं, आश्रम में हर व्यक्ति को उसकी आध्यात्मिक उन्नति के लिए निरंतर सहायता दी जाती है। श्री श्री भोलागिरी महाराज ने जिस उच्च आदर्श को स्थापित किया है, वही अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता है और उन्हें ईश्वर की ओर मार्गदर्शन करता है।”
इस कार्यक्रम में पंकज दा, भोलानाथ चौधुरी, सुषांत सेन, अनुप शील, सौमेन दत्त चौधुरी और अन्य कई सहयोगियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के अंत में सभी श्रद्धालुओं ने आशीर्वाद प्राप्त किया और ईश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा और प्रेम को और अधिक सुदृढ़ करने का संकल्प लिया।





















