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पुनीत दुबे की कलम से

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पहलगाम में निर्दोष, असहाय और निहत्थे लोगों पर हमला करने वाले कायर हैं, दानव हैं, मानवता के शत्रु हैं। ये लोग कश्मीरियत के भी दुश्मन हैं। कश्मीर की सबसे बड़ी पहचान अतिथि सत्कार है, और इन आतंकवादियों ने कश्मीर में आए अतिथियों पर गोलियाँ चलाईं, उनका रक्त बहाया। ऐसे आतंकी किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाने चाहिए।
इनका उद्देश्य स्पष्ट है — कश्मीर आने वाले पर्यटकों को भयभीत करना, और उन कश्मीरी नागरिकों की आजीविका छीनना जो पर्यटन पर निर्भर हैं। इसे समझने के लिए यह जानना आवश्यक है कि अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के बाद पिछले पाँच वर्षों में कश्मीर आने वाले पर्यटकों की संख्या लगभग आठ गुना बढ़कर आठ करोड़ बत्तीस लाख से अधिक हो गई है। इससे कश्मीरी जनता को रोजगार मिला है, उनकी आय में वृद्धि हुई है और प्रदेश में समृद्धि आई है।
कश्मीर की यही समृद्धि और खुशहाली पाकिस्तान की सेना और ISI को असहनीय लग रही है।
इस हमले का समय भी सोचने योग्य है। जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस भारत में हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की यात्रा पर हैं, तब यह हमला हुआ। पाकिस्तान को भारत की इन दोनों देशों से बढ़ती मित्रता भी स्वीकार नहीं है। कभी जो देश पाकिस्तान के संरक्षक माने जाते थे, अब समय बदल गया है। भारत ने कई बार पाकिस्तान को यह सच्चाई महसूस करवाई है कि अब भारत उसे उसकी ही भाषा में उत्तर देता है — घर में घुसकर प्रहार करता है।
किन्तु पाकिस्तान अपनी दुष्ट प्रवृत्तियों से बाज़ नहीं आता। मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारी वीर सेना पहलगाम में कायरतापूर्ण हमला करने वालों को उनके उचित अंजाम तक पहुँचाएगी और हमारी सरकार इन आतंकियों को समर्थन देने वालों को भी कठोर दंड देगी।
पुनीत कहिन!! 🙏

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