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वैश्विक संस्थाओं के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन सम्पन्न

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पन्ना (मध्य प्रदेश) हिंदी साहित्य के वैश्विक विस्तार के उद्देश्य से मध्य प्रदेश के पन्ना नगर में एक ऐतिहासिक आयोजन संपन्न हुआ। त्रिपुरा विश्वविद्यालय के साहित्य संकाय द्वारा न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन, अदम्य ग्लोबल फाउंडेशन, आशा पारस फॉर पीस एंड हार्मनी फाउंडेशन, सृजन ऑस्ट्रेलिया, सृजन मॉरीशस, सृजन मलेशिया तथा मधुराक्षर जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं के संयुक्त सहयोग से मई 2025 को पन्ना में पहली बार अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया। इस आयोजन में देश-विदेश से अनेक साहित्यकारों ने भौतिक और वर्चुअल माध्यम से भागीदारी निभाई। कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय समयानुसार दोपहर 12:00 बजे हुआ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्रॉउस (भीम राव अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय) महु, इंदौर की पूर्व कुलपति प्रोआशा शुक्ला ने की, जिन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में हिंदी के वैश्विक प्रसार के लिए ऐसे आयोजनों की महत्ता पर बल दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि त्रिपुरा केंद्रीय विश्वविद्यालय के साहित्य संकाय के अधिष्ठाता प्रोविनोद कुमार मिश्र  रहे, जिन्होंने हिंदी कविता की समृद्ध परंपरा और समकालीन संभावनाओं पर प्रभावी विचार व्यक्त किए। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोहरीश अरोड़ा  (दिल्ली विश्वविद्यालय) ने भी हिंदी साहित्य की समकालीन चुनौतियों और अवसरों पर सारगर्भित वक्तव्य दिए।

अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन की मुख्य विशेषता विश्व के विभिन्न देशों से आमंत्रित साहित्यकारों की भागीदारी रही। इस अवसर पर मलेशिया से डॉ. रश्मि चौबेअमेरिका से श्री अरुण नामदेवमॉरीशस से श्रीमती कल्पना लालजी और डॉ. शशि दूकन, पन्ना के लक्ष्मीनारायण चिरोलया चिंतकरघुवीर तिवारी, और पीयूष मिश्रा, गुरुग्राम हरियाणा से मनोरंजन तिवारी, नेपाल से प्रिया मिश्र, दामोह से डॉ. प्रेमलता ‘नीलम’ विशेष रूप से उल्लेखनीय रहे। उनकी रचनाओं ने स्थानीयता और वैश्विकता के सुंदर समन्वय का उदाहरण प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम का संयोजन अत्यंत कुशलतापूर्वक किया गया। सहसंयोजक के रूप में जयदीप सिंह सरस गोंडवी (गोण्डा) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, वहीं डॉसुरेश श्रीवास्तव सौरभ (पन्ना) ने अपने प्रभावशाली मंच संचालन से कार्यक्रम में निरंतर ऊर्जा और सजीवता बनाए रखी। आयोजन की सूत्रधार रहीं पूनम चतुर्वेदी शुक्ला, संस्थापक-निदेशक, न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन एवं अदम्य ग्लोबल फाउंडेशन, जिनके सशक्त नेतृत्व और परिश्रम से यह आयोजन अपनी पूर्णता तक पहुँच सका।

मजदूर दिवस के अवसर पर आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन के दौरान विभिन्न रचनाकारों ने जीवन, प्रेम, प्रकृति, शांति और वैश्विक मानवीय मूल्यों जैसे विषयों पर अपनी भावपूर्ण कविताओं का पाठ किया। उनकी रचनाओं में जहाँ एक ओर अपनी जड़ों से जुड़ाव का भाव था, वहीं दूसरी ओर वैश्विक चेतना की सशक्त अभिव्यक्ति भी दिखाई दी।

इस अवसर पर वक्ताओं ने हिंदी कविता के निरंतर फैलते वैश्विक प्रभाव पर चर्चा करते हुए कहा कि आज हिंदी भाषा न केवल भारत में, बल्कि विश्व के विभिन्न देशों में साहित्यिक संवाद का एक सशक्त माध्यम बनती जा रही है। ऐसे आयोजनों से हिंदी कविता को अंतरराष्ट्रीय मंच मिलता है और रचनाकारों के बीच एक जीवंत संवाद स्थापित होता है।

कार्यक्रम के अंत में संयोजक पूनम चतुर्वेदी शुक्ला ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों, श्रोताओं और सहायक संस्थाओं का हृदय से आभार व्यक्त किया। उन्होंने भविष्य में भी हिंदी साहित्य को वैश्विक मंचों पर ले जाने के लिए ऐसे और आयोजनों की निरंतरता की आवश्यकता पर बल दिया।

पन्ना जैसे ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक नगर में आयोजित यह प्रथम अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन न केवल एक साहित्यिक उपलब्धि रहा, बल्कि हिंदी साहित्य के वैश्विक भविष्य की ओर बढ़ते कदम का भी सशक्त प्रमाण बना। आयोजन ने साबित किया कि सीमाओं से परे हिंदी कविता का स्वर आज भी उतना ही गूंज रहा है, जितना भारतीय आत्मा में गूंजता रहा है।

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