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दुमदुमा प्रेरणा भारती 5 मई :– अखिल असम मोरान छात्र संस्था के 57 वें स्थापना दिवस के दो दिवसीय विभिन्न कार्यक्रमों के प्रथम दिन वृक्ष के नीचे बिहू का केन्द्रीय मंत्री सर्वानन्द सोनोवाल ने उद्घाटन किया। असम के सांस्कृतिक अध्यात्मिक परंपरा को जीवित रखने में मोरान जनजाति का विशेष योगदान रहा है। असम के कला, कृष्टि और सांस्कृतिक धरोहर आकर्षणीय मनाने में मोरान जनजाति की भूमिका सदैव याद की जाएगी । श्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि सांस्कृतिक अध्यात्मिक परंपरा को जीवित रखने के लिए असमिया संतान के रूप में हमारा नैतिक दायित्व है । असम के अन्यतम भूमिपुत्र जनजाति में से एक मोरान जनजाति का एकमात्र छात्र संगठन अखिल असम मोरान छात्र संस्था के 57 वें स्थापना दिवस पर , प्रथम दिन के कार्यक्रम में आज सुबह रजा रमाकांत समन्वय क्षेत्र और नाहरखोवा सैकिया मूल तोरण द्वार का उद्घाटन किया गया । सुबह 8.30 बजे पताका उत्तोलन व 9 बजे शहीद तर्पण किया गया ।9.30 बजे रबीन चौधरी स्मृति प्रदर्शनी एवं ग्रंथ मेला का उद्घाटन , 9.45 बजे वीर राघव मोरान मूल मंडप का शुभारंभ ,10 बजे मोरान जनजाति के आर्हि घर का उद्घाटन , 10.30 बजे संस्था के पूर्व सभापतियों एवं सचिवों का अभिनंदन, 11 स्वास्थ्य एवं कैंसर बिमारी पर चिकित्सक डॉ प्रणव ज्योति डेका द्वारा जागरूकता कार्यक्रम , सुबह 11.30 बजे नगर के उंचामाटी अरोरा सिनेमा हॉल में विद्यातनिक और बौध्दिक पर कार्यक्रम , 11.45 बजे करीबन दो हजार महिलाओं द्वारा मांगलिक उच्चारण , दोपहर 12 बजे से प्रथम आम सभा , वृक्ष के नीचे बिहू प्रदर्शन, संध्या सात बजे सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम आयोजित किया । गछ तल बिहू, एक हजार धर्म परायण महिलाओं द्वारा परंपरागत खेरी प्रसोके साथ गछ तल बिहू का प्रस्तुत किया। इस दौरान गांधोई नामक वार्षिक मुखपत्र का विमोचन किया गया । कार्यक्रम के दूसरे दिन कल मंगलवार को सुबह दस बजे से विशाल समन्वय सांस्कृतिक शोभायात्रा निकाली जाएगी।





















