कार्यक्रम की शुरुआत शिलचर के मेहरपुर स्थित संस्थान कार्यालय में दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इस अवसर पर अतिथियों का पारंपरिक ढंग से स्वागत किया गया। इसके बाद शिक्षकों और विद्यार्थियों ने अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ, जिसमें संस्थान के छात्रों ने कविता पाठ, नृत्य और गीत प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर असम इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग के चेयरमैन अलहाज मबजिल हुसैन बरभूईयां ने कहा, “आज 12 मई को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जा रहा है। डॉक्टरों के साथ-साथ नर्सें भी मरीजों की देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। दवाइयों का समय पर सेवन, इंजेक्शन देना, मरीज की स्थिति पर नजर रखना जैसी कई अहम जिम्मेदारियाँ नर्सें पूरी निष्ठा और समर्पण से निभाती हैं। इस दिवस के माध्यम से हम नर्सों के योगदान को सम्मानित करना चाहते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि बराक घाटी क्षेत्र में अभी भी नर्सों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। ऐसे में उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे इस सम्मानजनक पेशे में आगे आएं और मानव सेवा में अपना योगदान दें।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, शिक्षकगण और स्थानीय लोग उपस्थित थे। आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि नर्सिंग केवल एक पेशा नहीं, बल्कि यह सेवा, समर्पण और करुणा का प्रतीक है।




















