शंकरी चौधुरी, हाइलाकांदी, 15 मई: भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती बुधवार को असम विश्वविद्यालय के डॉ. अंबेडकर चेयर के नवनिर्मित भवन में विविध कार्यक्रमों के माध्यम से गरिमापूर्ण ढंग से मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित मुख्य समारोह की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और डॉ. अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण से हुई, जिसमें कुलपति प्रो. राजीव मोहन पंत सहित कई गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया।
डॉ. अंबेडकर चेयर की सहायक प्रोफेसर डॉ. मौमिता नाथ ने उद्घाटन गीत प्रस्तुत किया। इसके उपरांत कुलपति प्रो. पंथ की अध्यक्षता में एक विशिष्ट आलोचनात्मक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वागत भाषण देते हुए प्रो. देवतोष चक्रवर्ती ने डॉ. अंबेडकर के जीवन दर्शन, संविधान निर्माण में उनकी भूमिका और सामाजिक न्याय के प्रति उनके योगदान पर प्रकाश डाला। प्रो. पंथ ने अपने संबोधन में डॉ. अंबेडकर की बौद्धिक विरासत और समावेशी भारत के निर्माण में उनकी दृष्टि को विस्तार से रेखांकित किया।
विशेष वक्ताओं में डॉ. मौमिता नाथ और चेयर के शोधार्थी विशाल दास ने भी विचार प्रस्तुत किए। संगोष्ठी में सिलचर के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों से आए शिक्षार्थी वक्ताओं—उदय चक्रवर्ती, ऐशी ज्योति, पुष्पा देव, ध्रुबज्योति दास और देबांजलि नाथ—ने डॉ. अंबेडकर के सामाजिक, शैक्षिक और राजनीतिक योगदान पर प्रभावशाली वक्तव्य दिए।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. अंबेडकर के जीवन एवं कार्यों पर आधारित एक पोस्टर प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें सिलचर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों द्वारा तैयार किए गए 30 रचनात्मक पोस्टरों को प्रदर्शित किया गया।
समारोह के प्रमुख आकर्षणों में से एक रहा डॉ. अंबेडकर को समर्पित पुस्तकालय का उद्घाटन, जिसे कुलपति प्रो. पंथ ने विधिवत उद्घाटित किया। इसके अलावा, डॉ. मौमिता नाथ और प्रो. देवतोष चक्रवर्ती द्वारा संयुक्त रूप से संपादित पुस्तक “Ambedkar: A Visionary for India” का भी विमोचन किया गया।
कार्यक्रम का समापन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आधारित एक विशेष डॉक्युमेंट्री फिल्म की प्रस्तुति के साथ हुआ। पूरे आयोजन का संयोजन डॉ. अंबेडकर चेयर की शोधकर्ता आनन्दिता सिंह ने किया।




















