सम्मिलित सांस्कृतिक मंच द्वारा निकाली गई सांस्कृतिक जागरूकता रैली
शिलचर, 17 मई: आगामी 19 मई को मनाए जाने वाले “भाषा शहीद दिवस” के पूर्व संध्या पर आज शिलचर में एक भव्य सांस्कृतिक रैली ‘महापथचला’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन ‘संयुक्त सांस्कृतिक मंच’ के बैनर तले किया गया, जिसका उद्देश्य 1961 के बराक घाटी के ऐतिहासिक भाषा आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करना और सांस्कृतिक एकता का संदेश देना था।
यह रैली शनिवार को दोपहर 3:30 बजे रंगीरखाड़ी मोड़ से प्रारंभ हुई। रैली में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग, छात्र-छात्राएं, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और अनेक सांस्कृतिक संगठनों के सदस्य बड़ी संख्या में शामिल हुए। प्रतिभागियों ने नारों, गीतों और पोस्टरों के माध्यम से भाषा आंदोलन की विरासत को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया।
आयोजकों ने बताया कि ‘महापथचला’ न केवल 1961 के भाषा शहीदों के बलिदान को स्मरण करने का माध्यम है, बल्कि यह वर्तमान समय में भाषा और शिक्षा नीतियों से जुड़ी समस्याओं के प्रति जनजागरण और विरोध का भी प्रतीक है। रैली के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि बराक घाटी की मातृभाषा, संस्कृति और अस्मिता की रक्षा के लिए समाज अभी भी सजग और सक्रिय है।
इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्व उपस्थित रहे, जिनमें ‘भारतकंठ’ देवजीत साहा, बाबुल होड़, कछार जिला कांग्रेस अध्यक्ष अभिजीत पाल, निखिल पाल, सौमित्र दत्त राय, मनोज पाल, सुजन दत्त, भास्कर दास समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
‘महापथचला’ के माध्यम से शिलचर ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान, सांस्कृतिक पहचान और संघर्ष की प्रेरणा भी है।




















