प्रीतम दास, हाइलाकांदी, 18 मई:
भाषा आंदोलन के शहीदों की पुण्य स्मृति में आज हाइलाकांदी के संतोष कुमार राय सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक में एक विशेष रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन 19 मई को मनाए जाने वाले शहीद दिवस की पूर्व संध्या पर किया गया, जो 1961 में शिलचर रेलवे स्टेशन पर मातृभाषा बंगला के सम्मान में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को समर्पित है।
इस पुनीत अवसर पर विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सामूहिक रूप से रक्तदान कर समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाई। शिविर की शुरुआत भाषा शहीदों के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देने के साथ हुई।
रक्तदान शिविर में कुल 25 युवक-युवतियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और स्वेच्छा से रक्तदान किया। इसके पश्चात एक विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें वक्ताओं ने 1961 के भाषा आंदोलन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए शहीदों के बलिदान को नमन किया। वक्ताओं ने कहा कि उन्हीं के संघर्ष और बलिदान की बदौलत बराक घाटी के लोगों को अपनी मातृभाषा बंगला को आधिकारिक मान्यता दिलाने में सफलता मिली।
कार्यक्रम में सिविल अस्पताल के प्राचार्य डॉ. देवब्रत दत्ता, रक्त केंद्र के पर्यवेक्षक डॉ. अमित सिंह, वरिष्ठ नागरिक शंकर चौधरी, बिजयानी भट्टाचार्य, सुदर्शन भट्टाचार्य, संजीव कुमार दे, इस्लामुल हक, ब्लड बैंक कर्मी शहा आलम चौधरी, मासूक मजूमदार, तीर्थ प्रसाद मालाकार, मेहरजान बेगम, काजी मेहबूब आलम, बदरुल इस्लाम मजूमदार, हिंदू रक्षा दल के मनोज विश्वास व मनोज नाथ, अधिवक्ता गौतम घोष सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि शहीदों की स्मृति मात्र औपचारिकता नहीं, बल्कि समाज के प्रति जागरूकता और सेवा का एक जीवंत प्रतीक बन सकती है।




















