हीरक बनिक, रामकृष्णनगर, 25 मई:
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले में 28 हिंदू पर्यटकों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इन 28 मृतकों में कोलकाता के समीर गुहा और वितान अधिकारी भी शामिल थे। किसी ने सोचा भी नहीं था कि उस दिन की उनकी यात्रा, उनके जीवन की अंतिम यात्रा बन जाएगी। इस जघन्य हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। भारत ही नहीं, बल्कि कई देशों ने इस आतंकी घटना की कड़ी निंदा की।
केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए सहायता के हाथ आगे बढ़ाए। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने भी अपनी संवेदना प्रकट करते हुए दोनों शहीद परिवारों के लिए पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की।
मुख्यमंत्री की ओर से यह सहायता राशि प्रदान करने शनिवार को असम के लोक निर्माण, मत्स्य और पशुपालन मंत्री श्री कृष्णेंदु पाल कोलकाता पहुँचे। दोपहर 1 बजे वे सबसे पहले दक्षिण कोलकाता के बैষ्णवघाटा क्षेत्र स्थित वितान अधिकारी के आवास पहुंचे। वहाँ उन्होंने परिवार का हालचाल लिया और मुख्यमंत्री का शोक संदेश एवं पाँच लाख रुपये का चेक वितान की पत्नी श्रीमती सोहिनी राय को सौंपा।
इसके बाद मंत्री श्री पाल समीर गुहा के निवास पर पहुँचे और उनके परिजनों से भेंट कर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा भेजा गया शोक संदेश एवं पाँच लाख रुपये की सहायता राशि का चेक समीर गुहा के परिवार को सौंपा।
मंत्री कृष्णेंदु पाल ने इस अवसर पर कहा, “यह एक अपूरणीय क्षति है। असम सरकार और मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा दोनों परिवारों के साथ खड़े हैं। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी, और हम ऐसे निर्दोष लोगों की बलि व्यर्थ नहीं जाने देंगे।”
इस मानवीय पहल की पूरे कोलकाता और असम में सराहना हो रही है। यह कदम दिखाता है कि जब देश के किसी भी कोने में कोई संकट आता है, तो पूरा भारत एक साथ खड़ा होता है।





















