नई दिल्ली, 26 मई: असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने आज नई दिल्ली में भारत सरकार के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और असम में डिफेंस कॉरिडोर स्थापित करने हेतु केंद्रीय हस्तक्षेप का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री के आधिकारिक निवास पर हुई इस बैठक में कहा कि, “असम में डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना पूर्वोत्तर सीमांत क्षेत्र में हमारे सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को मजबूत करेगी, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘मेक इन इंडिया’ विज़न को बल देगी, और पूर्वोत्तर भारत में नई आर्थिक संभावनाओं के द्वार खोलेगी।”
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि असम में डिफेंस कॉरिडोर स्थापित करने के प्रस्ताव पर रक्षा मंत्रालय सक्रियता से विचार कर रहा है।
बाद में मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा –
“आज नई दिल्ली में माननीय रक्षा मंत्री आदरणीय @rajnathsingh जी से भेंट करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। असम में डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। यह पहल हमारी सशस्त्र सेनाओं की जरूरतों को सशक्त करेगी, माननीय प्रधानमंत्री जी के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को प्रोत्साहन देगी और पूर्वोत्तर में नई आर्थिक संभावनाएं उत्पन्न करेगी।”
राज्य सरकार ने ‘असम एयरोस्पेस एवं डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग नीति 2025’ की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य असम को भारत के एयरोस्पेस और रक्षा निर्माण क्षेत्र में एक अग्रणी केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
इस नीति के तहत राज्य की सामरिक स्थिति, पूर्वोत्तर एशिया के करीब होने, मजबूत बुनियादी ढांचे और प्राकृतिक संसाधनों को ध्यान में रखते हुए निवेश आकर्षित करने और नवाचार को प्रोत्साहन देने की रणनीति अपनाई गई है।
नीति के अंतर्गत रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों को पूंजी सब्सिडी, SGST वापसी, परिवहन अनुदान और उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन जैसी कई सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
इसके साथ ही, नीति में रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार करने हेतु विशेष प्रोत्साहन योजनाएं भी शामिल हैं।
मुख्य फोकस क्षेत्रों में विमान निर्माण, रक्षा उपकरण निर्माण, एवियोनिक्स, मरम्मत एवं रखरखाव सेवाएं (MRO), सिमुलेशन तकनीक और अनुसंधान एवं विकास (R&D) शामिल हैं।
असम सरकार का यह विज़न रक्षा मंत्रालय के वर्ष 2025 तक एयरोस्पेस और रक्षा निर्माण क्षेत्र में 26 अरब डॉलर के टर्नओवर और 5 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य के अनुरूप है।
राज्य सरकार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रक्षा विनिर्माण कंपनियों, स्टार्टअप्स और तकनीकी विशेषज्ञों के साथ साझेदारी स्थापित करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयासरत है।
असम की यह पहल न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती प्रदान करेगी, बल्कि पूर्वोत्तर भारत में औद्योगिक क्रांति का सूत्रपात भी करेगी।





















