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हाइलाकांदी में विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के दूसरे दिन भारी जनसमागम

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हाइलाकांदी, 30 मई, 2025 – हाइलाकांदी जिले में विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के दूसरे दिन जबरदस्त जनभागीदारी देखने को मिली, जहाँ विभिन्न प्रचार स्थलों पर बड़ी संख्या में किसान उपस्थित हुए। माननीय केंद्रीय कृषि मंत्री के विजन के तहत चल रहे इस अभियान का उद्देश्य कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से जुड़ी केंद्र सरकार की योजनाओं, कीट प्रबंधन तकनीकों आदि को सीधे लोगों तक पहुँचाना है, जिससे अंतिम छोर तक सेवाओं की डिलीवरी, पारदर्शिता और सशक्तिकरण सुनिश्चित किया जा सके।
आज, आईसीएआर-केवीके हाइलाकांदी, पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग, मत्स्य विभाग, कृषि विभाग, असम स्टेट लाइवलीहुड मिशन, आईसीएआर संस्थान के वैज्ञानिकों, एफपीसी के सदस्य और प्रगतिशील किसानों की दो टीमों ने चार अलग-अलग स्थानों का दौरा किया, जिससे कुल 429 लोगों को लाभ मिला। इन टीमों के साथ दो “कृषि रथ”—जो कि मोबाइल जागरूकता और संपर्क वाहन हैं—भी सभी चार स्थानों पर गए, जिससे जमीनी स्तर पर किसानों को जानकारी, शिक्षा और सशक्तिकरण प्रदान किया गया।
आईसीएआर-एनबीएसएसएलयूपी के वैज्ञानिक संदीप कुमार ने किसानों से वैज्ञानिक खेती अपनाने का आग्रह किया, जिसमें बहुफसली खेती और धान कटाई के बाद सरसों, अलसी और ढैंचा की खेती शामिल है, ताकि मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाई जा सके। आईसीएआर-केवीके के वैज्ञानिकों ने प्राकृतिक खेती और कीट प्रबंधन पर जोर दिया ताकि कृषि को टिकाऊ बनाया जा सके। इस सत्र का उद्देश्य कृषि और संबद्ध योजनाओं के प्रति जागरूकता और भागीदारी को प्रोत्साहित करना था।
जिला कृषि अधिकारी ने हाइलाकांदी की अर्थव्यवस्था में कृषि की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित करते हुए पीएमकेएसवाई, पीएमएफबीवाई, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पीएम-किसान और केसीसी जैसी योजनाओं में पंजीकरण के लिए प्रेरित किया और विभागीय पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
जिला पशु चिकित्सा अधिकारी ने पशुपालन क्षेत्र की आय और पोषण संबंधी संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए एलएचडीसी और एएलडीए जैसी योजनाओं के माध्यम से मुफ्त टीकाकरण, नस्ल सुधार और चारा विकास की जानकारी दी, साथ ही पशुपालकों के लिए केसीसी की सुविधा का लाभ उठाने की बात कही।
मत्स्य पालन अधिकारी ने मत्स्य क्षेत्र को एक प्रमुख आजीविका स्रोत के रूप में चिन्हित करते हुए पीएमएमएसवाई के तहत बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षण पहलों को बढ़ावा दिया।
असम स्टेट रूरल लाइवलीहुड मिशन (ASRLM) की बीपीएम ने महिला स्वयं सहायता समूहों, एसवीईपी, कृषि/पशु सखी पहलों और वित्तीय लिंकज के माध्यम से ग्रामीण सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।
यह यात्रा 12 जून 2025 तक हाइलाकांदी के दूरदराज के गांवों में जारी रहेगी, जन भागीदारी की भावना को और मजबूत करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी पीछे न छूटे।

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