शिलचर: लगातार हो रही मूसलधार बारिश के कारण शहर के अधिकांश हिस्से जलमग्न हो गए हैं और बराक नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। इस कारण कछार जिले के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने शिलचर शहर के विभिन्न स्कूल और कॉलेजों में राहत शिविरों की व्यवस्था की है।
रविवार को शिलचर शहरी विकास मंत्री कौशिक राय ने जिला आयुक्त मृदुल यादव, पुलिस अधीक्षक नुमुल माहातो और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुब्रत सेन के साथ मिलकर कॉलेज रोड स्थित मनमोहन मजूमदार बालिका विद्यालय और निरंजन पाल इंस्टिट्यूट में स्थापित राहत शिविरों का दौरा किया। उन्होंने वहां रह रहे बाढ़ पीड़ितों का हालचाल जाना और राहत व्यवस्था की समीक्षा की।
मंत्री कौशिक राय ने जिला आयुक्त से चर्चा कर विद्यालयों में तत्काल राहत सामग्री उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। प्रशासनिक दल के इस प्रत्यक्ष निरीक्षण को लेकर स्थानीय लोगों ने संतोष और आभार व्यक्त किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, निरंजन पाल इंस्टिट्यूट में अब तक 170 से अधिक शरणार्थियों ने शरण ली है, जबकि मनमोहन मजूमदार बालिका विद्यालय में लगभग 300 से अधिक लोग आश्रय लिए हुए हैं। इन आश्रय स्थलों पर प्रशासन की ओर से एंबुलेंस, आवश्यक दवाएं और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
जिले के विभिन्न अनुभवी चिकित्सक राहत शिविरों में पहुँचकर पीड़ितों की स्वास्थ्य जांच कर रहे हैं और उन्हें मुफ्त दवाएं भी प्रदान कर रहे हैं। सरकार ने बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देते हुए हर शिविर में मेडिकल टीम की तैनाती सुनिश्चित की है।
कछार जिले में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क और सक्रिय है। प्रशासन ने लोगों से किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न देने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है।
शहर के रांगिरखाड़ी, प्रेमतला, चर्च रोड, अंबिकापट्टी, विवेकानंद रोड सहित कई इलाके पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने राहत कार्यों को और तेज कर दिया है ताकि बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान की जा सके।





















