बराक घाटी इन दिनों अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदा की चपेट में है। लगातार हो रही मूसलधार बारिश और जल स्रोतों के अत्यधिक प्रवाह ने बराक नदी को उफान पर पहुँचा दिया है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान 19.83 मीटर को पार कर 21.48 मीटर तक पहुँच गया है, जो सामान्य से 1.65 मीटर अधिक है। परिणामस्वरूप 146 गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है, और लगभग 6 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। जनजीवन अस्त-व्यस्त है, स्कूल, सड़कें और घर जलमग्न हैं।
मुख्यमंत्री ने किया आपदा क्षेत्रों का दौरा, राहत व्यवस्था की समीक्षा
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए असम के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को शिलचर का दौरा किया। उन्होंने राहत शिविरों और बाढ़ग्रस्त इलाकों में पहुँचकर प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और राहत कार्यों की जमीनी समीक्षा की।
जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा,
“बराक नदी का बढ़ता जलस्तर चिंताजनक है। प्रभावितों के लिए हरसंभव सहायता दी जा रही है। राहत कार्यों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि 5 राजस्व सर्किलों में स्थिति अत्यंत गंभीर है, विशेषकर वे सर्किल, जहाँ 19,249 परिवार बाढ़ की चपेट में हैं। प्रशासन ने हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों और राहत शिविरों में पहुँचाया है। हर शिविर में भोजन, शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य सुविधाएँ और साफ-सफाई की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
आपदा प्रबंधन बल (SDRF), स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन मिलकर बचाव व राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने जनता से अफवाहों से बचने और केवल सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की।
शिलचर के उद्योगपतियों का बड़ा योगदान: ₹1.14 करोड़ मुख्यमंत्री राहत कोष में दान
आपदा की इस घड़ी में जहाँ सरकार राहत कार्यों में संलग्न है, वहीं शिलचर के उद्योगपतियों, व्यापारिक संस्थानों और सामाजिक संगठनों ने सामाजिक उत्तरदायित्व की मिसाल पेश की है। मंगलवार को मुख्यमंत्री राहत कोष में कुल ₹1,14,25,000 की सहायता राशि दी गई।
इसमें जे इन्फ्राटेक लिमिटेड ने ₹20 लाख, बराक वैली सीमेंट्स लिमिटेड, ब्लैक टाइगर सीमेंट और अनुषा प्रोजेक्ट्स प्रा. लि. ने ₹15-15 लाख, और अन्य प्रमुख संस्थानों ने ₹10 लाख से लेकर ₹2 लाख तक की सहायता राशि प्रदान की।
छोटे दानदाताओं में निहारेंदु भट्टाचार्जी, देबोजीत देब, गोल्ड स्टोन सीमेंट, शिलचर फूडग्रेन्स मर्चेंट एसोसिएशन जैसे प्रतिष्ठानों ने भी सक्रिय सहभागिता दिखाई।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी दानदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इसे “सामाजिक चेतना और मानवीय संवेदना का उत्कृष्ट उदाहरण” बताया।
बराक घाटी के लिए यह समय कठिन परीक्षा का है, लेकिन शासन-प्रशासन की तत्परता और समाज की सामूहिक चेतना इसे हराने की पूरी क्षमता रखती है। सरकार ने पुनर्वास और मुआवजे को प्राथमिकता में रखा है, और आने वाले दिनों में स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।





















