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शिवसागर, 24 जून (हि.स.)। पुलिस मुठभेड़ में मारा गया असम का शातिर वाहन चोर बुबू कोंवर चोरी, डकैती, अपहरण, हत्या जैसे कई अपराधिक वारदातों में लिप्त था। वह कई बार गिरफ्तार भी हुआ था। लेकिन, हर बार कानूनी मदद से जेल से बाहर निकलकर अपने वारदात की फेहरिस्त को आगे बढ़ाने में जुट जाता था। शिवसागर जिला के पुलिस अधीक्षक ने गुरुवार को बताया कि बीती रात जिला के असम-नगालैंड सीमावर्ती इलाके के गेलकी के देउपानी फायरिंग रेंज के समीप पुलिस मुठभेड़ में बुबू कुंवर ढेर हो गया। घटना के समय वह स्कूटी से जा रहा था। घात लगाकर बैठी पुलिस बुबू को रूकने का इशारा किया। लेकिन, वह पुलिस पर फायरिंग करते हुए भागने लगा। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया। हालांकि, उसका साथी अंधेरे का फायदा उठाते हुए मौके से फरार हो गया।
घटनास्थल से पुलिस ने एक पिस्तौल, खाली कारतूस, जिंदा कारतूस और स्कूटी बरामद किया गया। पुलिस ने बुबू को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हाल में ही गिरफ्तारी के बाद बुबू कोंवर ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया था कि उसने अब तक 42 लोगों की हत्या की है। राज्य के अन्य जिलों को छोड़ सिर्फ शिवसागर जिला में ही बुबू के खिलाफ 14 मामले दर्ज थे। दो दशकों से हत्या, चोरी, अपहरण, हथियारों की तस्करी, वाहन चोरी सहित अन्य कई अपराधिक मामलों में बुबू कोंवर शामिल था। शिवसागर जिला के आमगुरी रतनपुरिया गांव निवासी बुबू कोंवर की अपराधिक लिस्ट काफी लंबी है। वर्ष 2000 में बुबू ने आमगुरी निवासी डॉ सैयद असीकुल हक नामक व्यक्ति के घर में प्रवेश कर सोना, चांदी के गहनों के अलावा नगद धन लूटा था।
इसी कड़ी में सन 2001 में आमगुरी रेलवे स्टेशन से उसे गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के समय बुबू के पास से पुलिस ने एक पिस्तौल और मैगजीन और जिंदा कारतूस बरामद किया था। सन 2002 में बुबू कोंवर को गौरीसागर पुलिस थाना अंतर्गत तेपर गांव निवासी सुरेन खानिकर की कार चुरा कर फरार हो गया था। जिसके बाद गौरीसागर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। जेल से निकलने के बाद शिवसागर जिला के झजी गड़मूर निवासी बिपिन चंद्र बरकाती की मारुती कार बंदूक की नोंक पर छीन लिया।
अपराध की कड़ी में सन 2002 के अंतिम महीने में बुबू को गुवाहाटी के मालीगांव पुलिस ने गिरफ्तार किया। सन 2006 में शिवसागर जिला के गौरीपुर के प्रशांत खनिज नामक व्यक्ति की एक कार चोरी करने का भी आरोप बुबू पर लगा। सन 2008 के अगस्त महीने में आमगुरी विधानसभा क्षेत्र के हलवाटिंग पुलिस थाना अंतर्गत उस समय के लोकप्रिय कांग्रेस नेता हेमंत बरुवा की हत्या में भी बुबू कोंवर शामिल था। हेमंत बरुवा मामले की जांच करते हुए पुलिस ने उसे वर्ष 2009 की एक जनवरी को शिवसागर और नगालैंड पुलिस के संयुक्त प्रयास से गिरफ्तार किया गया था।
जेल से निकलने के बाद सन् 2010 में बुबू में शिवसागर के बेतवारी निवासी प्रशांत बरुवा नामक व्यक्ति की हत्या की। शिवसागर के सूर्य का पार निवासी अनिल जैन नामक व्यक्ति का अपहरण बुबू ने किया। वर्ष 2012 में जोरहाट के कैलाश अग्रवाल गिनोरिया की हत्या में भी बुबू शामिल था। वर्ष 2014 में डीएन गोगोई नामक प्रधान शिक्षक और चिकित्सक मृदुल बरुवा की हत्या में बुबू कुंवर का नाम सामने आया था। वर्ष 2015 में 15 अगस्त को गुवाहाटी के नूनमाटी निवासी धीरज तालुकदार के वाहन चालक की हत्या का भी आरोप बुबू पर लगा।
इसी तरह वर्ष 2018 जुनू शर्मा नामक एक महिला बैंक अधिकारी की हत्या में भी बुबू शामिल बताया गया था। वर्ष 2019 के जुलाई महीने में गुवाहाटी के डाउन टाउन से बाइक चोरी करने के दौरान दिसपुर पुलिस ने बुबू को गिरफ्तार किया था। चालू वर्ष के मार्च महीने में ब्राउन शुगर समेत जोरहाट पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। अपराधी बुबू कोंवर प्रतिबंधित संगठनों को हथियारों की भी सप्लाई किया करता था। इसी वर्ष के मई महीने के अंतिम सप्ताह में उसे जमानत मिली और वह जेल से बाहर निकल कर फिर से अपराध की दुनिया में आतंक मचाने लगा था। अंततः पुलिस की मुठभेड़ में वह ढेर हो गया।