ब्रिटिश साम्राज्यवाद विरोधी आदिवासी किसान विद्रोह ‘उलगुलान’ के अप्रतिम नेता, शोषित-पीड़ित जनमानस की प्रेरणा शहीद बिरसा मुंडा की 125वीं पुण्यतिथि पर छात्र संगठन AIDSO (ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन) की असम राज्य परिषद के आह्वान पर पूरे राज्य में शहीद दिवस मनाया गया।
तेजपुर, लखीमपुर, जोरहाट, गुवाहाटी, गोलपाड़ा, कछार, करीमगंज और हैलाकांदी जिलों में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों ने गहरी श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रमों में AIDSO की ओर से कहा गया कि बिरसा मुंडा ने जिस अपराजेय साहस से ब्रिटिश साम्राज्यवाद के अन्यायपूर्ण शासन, समाज में फैले अंधविश्वास, कुप्रथा और नशाखोरी के खिलाफ जनजागरण किया और संघर्ष का नेतृत्व किया, वह आज भी हम सबके लिए एक महान प्रेरणा है।
संगठन ने यह भी कहा कि शहीद बिरसा मुंडा जैसे हजारों क्रांतिकारियों की कुर्बानी से भारत को स्वतंत्रता मिली, लेकिन आजादी के 77 वर्ष बाद भी उनके सपनों का भारत साकार नहीं हो पाया है। उनके अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए छात्र समाज को बिरसा मुंडा के विचारों और आदर्शों से प्रेरित होकर शोषण, अन्याय, भ्रष्टाचार, नशा, अश्लीलता और सांस्कृतिक गिरावट के विरुद्ध एक सशक्त लोकतांत्रिक आंदोलन खड़ा करना होगा। यही होगी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि।
कछार जिले के सिलचर में शहीद खुदीराम बोस की प्रतिमा के समक्ष तथा ध्वारबंद में बिरसा मुंडा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।
बिरसा मुंडा की स्मृति में आयोजित इस शहीद दिवस ने युवाओं को सामाजिक बदलाव और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के लिए नई ऊर्जा प्रदान की।




















