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प्रीतम दास हाइलाकांदी 10 जून: हाइलाकांदी नगरपालिका में बोर्ड गठन के बाद हर वार्ड में नियमित शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही नेताओं ने सड़क जीर्णोद्धार और जलभराव से मुक्ति का आश्वासन भी दिया। लेकिन हकीकत में जो हो रहा है, उसे देखकर आप चौंक जाएंगे!
नल खोलते ही कीचड़युक्त, बदबूदार पानी आता है!
बाल्टी, बोतल और प्रेशर कुकर में भरे इस पानी को देखकर ऐसा लगता है कि यह धान के खेत या गंदे तालाब का पानी है। लेकिन यह अब हाइलाकांदी शहर का तथाकथित “शुद्ध” पेयजल है! पिछले दिनों हुई भारी बारिश के कारण शहर की मुख्य जल परियोजना पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। लगातार 8 दिनों तक पानी की आपूर्ति बंद रही। हालांकि कल रात कुछ वार्डों में आखिरकार पानी की आपूर्ति शुरू कर दी गई, लेकिन वह पानी भी गंदा और अनुपयोगी है।
शहरवासियों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के खिलाफ गहरा रोष है।
वार्ड क्रमांक 2 के एक निवासी ने साफ कहा-
“क्या हम मर जाएंगे? स्वच्छ पेयजल के बिना हमारे पास जीने का कोई रास्ता नहीं है। बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब हम मीडिया के माध्यम से अनुरोध कर रहे हैं- हमें जीने दो।” इस बीच, स्थिति इतनी गंभीर है कि हाइलाकांदी में विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता और संगठन भी विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं।
ड्रीम्स’ नामक एक सामाजिक संगठन ने राज्य के मुख्यमंत्री और पीएचई मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।
हाइलाकांदी शहर के लोग कह रहे हैं कि उन्हें सिर्फ वादे नहीं, बल्कि वास्तविक कार्रवाई चाहिए।





















