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एक छोटे से शहर में एक किसान रहता था, जो बड़ा ही मेहनती, ईमानदार और प्रतापी था। वह अपने खेतों में दिन-रात मेहनत करता और पूरे समर्पण से अपने परिवार का पालन-पोषण करता था। उसकी लगन और सादगी ने उसे न केवल अपने परिवार का बल्कि पूरे गांव का आदर्श बना दिया था।
किसान न सिर्फ खेती करता, बल्कि अपने आस-पास के लोगों की जरूरतों का भी ध्यान रखता। उसकी आदत थी कि जब खेतों से फसल काटी जाती, तो वह एक हिस्सा जरूरतमंदों के लिए अलग रखता। वह कहता, “धरती से जो मिलता है, उसमें सबका हिस्सा होता है।” उसका यही भाव उसे गांव के सबसे सम्मानित व्यक्तियों में से एक बनाता।
उसके परिवार में उसकी पत्नी और दो बच्चे गीता और रोहन थे। गीता पढ़ाई में होशियार थी, पर साथ ही समाज के प्रति जागरूक भी। जब गांव में लड़कियों की शिक्षा को लेकर संकोच होता, तो वह उदाहरण बनकर सामने आती। वह अपनी पढ़ाई के साथ-साथ छोटी बच्चियों को भी पढ़ाती और उन्हें प्रेरित करती कि “शिक्षा हर किसी का अधिकार है।”
रोहन खेलों में निपुण था और गांव की टीम को कई बार जीत दिला चुका था। पर उसकी सबसे बड़ी ताकत थी उसका धैर्य और विनम्रता। जब किसी प्रतियोगिता में जीतता, तो हमेशा अपनी मेहनत के साथ-साथ पिता के मार्गदर्शन और गांव के सहयोग को श्रेय देता।
दोनों बच्चे रोज़ सुबह खेतों में पिता की मदद करते, फिर स्कूल जाते। खेत ही उनके पहले पाठशाला थे, जहाँ उन्होंने मेहनत, धैर्य और सेवा की असली परिभाषा सीखी थी।
किसान की पत्नी भी एक मजबूत स्तंभ थी। वह न सिर्फ घर संभालती, बल्कि गांव की महिलाओं को सिलाई, सब्जी उगाने और स्वच्छता जैसे विषयों पर जागरूक करती। उसके प्रयासों से गांव में महिलाओं की भूमिका सशक्त होने लगी।
समय के साथ किसान के खेतों में उन्नत पैदावार होने लगी, क्योंकि उसने आधुनिक तकनीक अपनाने में भी रुचि दिखाई। वह नई पीढ़ी को कृषि के प्रति आकर्षित करने के लिए स्थानीय स्कूल में जाकर व्याख्यान भी देता था। लोग उसे कहते, “तुम तो सिर्फ किसान नहीं, गुरु भी हो।”
फिर वह दिन आया, जब शहर के स्कूल में समारोह हुआ। गीता को “सर्वश्रेष्ठ छात्रा” और रोहन को “सर्वश्रेष्ठ खेल प्रतिभा” का पुरस्कार मिला। जब मंच से उनके नाम पकारे गए, तो सारा गांव तालियाँ बजा उठा। किसान की आंखों में गर्व के आँसू थे- वह जानता था कि उसकी बोई गई मेहनत और संस्कार की फसल अब लहलहा रही है।
नाम: – दीपाली सिंह, बी. कॉम प्रथम वर्ष
College Name:- Government first grade college K.R PURAM Bangalure
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