शिलडुबी, काछार:
जब आज के समय में कई संतानें अपने बुज़ुर्ग माता-पिता को वृद्धाश्रम में छोड़ रही हैं, ठीक उसी समय कछार जिले के शिलडुबि क्षेत्र के निवासी श्री रतन दे ने एक अनुकरणीय मिसाल पेश की है। उन्होंने अपने स्वर्गीय माता-पिता — माँ स्वर्ण बाला दे और पिता रविंद्रलाल दे — की स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिए एक भव्य मंदिर का निर्माण कर उसमें संगमरमर की मूर्तियाँ स्थापित की हैं।
हर वर्ष मंदिर स्थापना की वर्षगांठ पर श्री रतन दे द्वारा “हर-पर्वती रुद्राभिषेक” तथा “गीता यज्ञ” का आयोजन किया जाता है, जिसमें विश्व शांति की कामना की जाती है। इस वर्ष भी दो दिवसीय इस धार्मिक महोत्सव को लेकर क्षेत्र में विशेष उत्साह और श्रद्धा का वातावरण देखा गया।

कार्यक्रम का विवरण इस प्रकार है:
- शनिवार को हुआ अधिवास व अन्य पारंपरिक अनुष्ठान।
- रविवार को यज्ञ, पूजा-अर्चना, और महाप्रसाद वितरण का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर भारत के विभिन्न राज्यों से साधु-संतों और श्रद्धालुओं का आगमन हुआ, और आसपास के गाँवों से हज़ारों की संख्या में आमंत्रित लोग इस पावन आयोजन का हिस्सा बने।
यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि समाज में माता-पिता के प्रति सम्मान और कर्तव्य की एक जीवंत प्रेरणा भी है।





















