फॉलो करें

उत्तर पूर्वी, क्षेत्रीय भार प्रेषण केंद्र शिलांग द्वारा आयोजित हुई प्रथम तिमाही हिंदी कार्यशाला

266 Views

ग्रिड-इंडिया ,उत्तर पूर्वी, क्षेत्रीय भार प्रेषण केंद्र शिलांग द्वारा राजभाषा हिन्दी की उपयोगिता और नई तकनीक विषय पर प्रथम तिमाही राजभाषा कार्यशाला का आयोजन किया गया।इस कार्यशाला में भार प्रेषण केंद्र ,शिलांग से कुल 18 कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया।सर्वप्रथम केंद्र के जनरल डायरेक्टर श्री नीरज कुमार ने सभी का स्वागत किया।इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि राजभाषा हिंदी हम सभी को जोड़ने का कार्य करती है।राजभाषा हिंदी को कार्यालयी प्रयोग में मेरी जो भी भूमिका बन पड़ेगी मेरा पूरा सहयोग रहेगा। इसके बाद राजभाषा हिंदी की उपयोगिता और नई तकनीकी विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हिंदी विभाग, पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ आलोक सिंह ने अपनी बात रखते हुए बताया कि हिंदी को राजभाषा बनाने के पक्षधरों में अनेक हिन्दीतर भाषी विचारकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है जिसमें बांग्ला भाषी केशवचन्द्र सेन,गुजराती भाषी महात्मा गाँधी, तमिल भाषी सुब्रमण्यम भारती, नागालैंड के पद्मश्री पियोंग तेमजें जमीर,त्रिपुरा के रमेन्द्र पाल आदि ।राजभाषा हिंदी इन्हीं सबके संकल्पों के कारण आगे बढ़ रही है।आज तकनीक के तमाम माध्यमों ने हिंदी को सीखने जानने में सरलता लाई है जिसमें भाषिनी, अनुवादनी,कृत्रिम मेधा,राजभाषा विभाग की तकनीकी आदि।बाजार और तकनीकी ने हिंदी को जानने और समझने की ओर लोगों आकर्षित किया है।राजभाषा हिंदी के साथ साथ हम सभी अपनी भारतीय भाषाओं को आगे बढ़ाए यह हम सबका एक प्रमुख कर्तव्य है जिसे संविधान ने हमें प्रदान किया है।कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजन केंद्र की हिंदी अधिकारी श्रीमती कुवाली हजारिका ने किया।

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल