हीरक बनिक, रामकृष्णनगर, 16 जून:
रामकृष्णनगर शहर और आसपास के क्षेत्रों में बिना लाइसेंस वाले वाहन चालकों की बढ़ती संख्या से आम लोग और खासकर छात्र-छात्राएं अत्यधिक परेशान हैं। हर दिन दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे फुटपाथ या सड़क किनारे चलना भी जोखिमभरा हो गया है।
सुबह होते ही शहर और गांवों के कई युवा तेज रफ्तार में बाइक लेकर सड़कों पर उतर पड़ते हैं। दो दिशाओं से आने वाले इन बाइकों की रफ्तार इतनी तेज होती है कि आम लोगों को जान बचाकर चलना पड़ता है। यह स्थिति विशेषकर युवा पीढ़ी में अधिक देखने को मिलती है। तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण शहर के कई हिस्सों में दुर्घटनाएं घट रही हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि रामकृष्णनगर शहर में चल रही लगभग 100 वाहनों में से करीब 80 वाहन बिना वैध लाइसेंस के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। ऐसे चालक न केवल नियमों की अवहेलना कर रहे हैं, बल्कि अपनी लापरवाही से रोज नई दुर्घटनाओं को जन्म दे रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि कुछ उत्साही युवक अपने “प्रतिभा प्रदर्शन” के नाम पर बाइक रेसिंग जैसी हरकतें करते हैं, लेकिन यह न तो प्रतिभा है और न ही साहस, बल्कि दूसरों की जान को खतरे में डालने जैसा गंभीर अपराध है। विशेषकर सुबह स्कूल के समय छात्र-छात्राओं को सड़कों पर सबसे ज्यादा परेशानी होती है।
इतना ही नहीं, बिना लाइसेंस के ऑटो चालकों की मनमानी भी क्षेत्र में एक बड़ी समस्या बन चुकी है। वे मनचाहे तरीके से तेज रफ्तार में ऑटो चलाते हैं, जिससे कई बार यात्री और राहगीर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक इन बिना लाइसेंस के वाहन चालकों पर कड़ा एक्शन नहीं लिया जाएगा, तब तक शहर और ग्रामीण इलाकों में दुर्घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं। इन घटनाओं के कारण कई परिवार अपनों को खो रहे हैं, कई लोगों को स्थायी शारीरिक क्षति हो रही है।
लोगों ने श्रीभूमि जिला पुलिस अधीक्षक पार्थ प्रतिम दास और रामकृष्णनगर थाने के प्रभारी लिटन नाथ से अपील की है कि वे इस गंभीर समस्या पर शीघ्र कार्रवाई करें। क्षेत्रवासियों का कहना है कि यदि ओसी लिटन नाथ लाइसेंसविहीन वाहनों पर नियंत्रण पा लें, तो दुर्घटनाओं में काफी हद तक कमी लाई जा सकती है। लेकिन यदि जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो दुर्घटनाओं में और वृद्धि होगी और आम नागरिक कभी भी शांति से नहीं रह पाएंगे।
स्थानीय लोगों की मांग स्पष्ट है: नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई हो और सड़कों को सुरक्षित बनाया जाए।





















