रानू दत्त, शिलचर, 18 जून: शिलचर-कालाइन मुख्य मार्ग के अंतर्गत भांगारपार क्षेत्र में स्थित हरांग नदी पर बना पक्का पुल मंगलवार देर रात दो ओवरलोडेड ट्रकों के गुजरने के दौरान ध्वस्त हो गया। यह पुल लंबे समय से अवैध ओवरलोडिंग का बोझ झेल रहा था, और अंततः सिंडिकेट चक्रों की मिलीभगत के चलते दुर्घटना का शिकार हो गया।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, प्रतिदिन इस पुल से 70-80 टन वजन वाले सैकड़ों ट्रक, जिनमें चूना पत्थर, सीमेंट और कोयला लदा रहता था, नियमों को ताक पर रखकर पार कराए जाते थे। जबकि सरकारी दिशानिर्देश के अनुसार, इस पुल से 40 टन से अधिक भार वाले वाहनों के आवागमन पर स्पष्ट रोक थी।

सूत्र बताते हैं कि हर रात प्रत्येक ट्रक से 5,000 से 10,000 रुपये की वसूली कर ओवरलोडेड ट्रकों को अवैध रूप से पार कराया जाता था। इस अवैध कारोबार के पीछे सक्रिय सिंडिकेट चक्र वर्षों से प्रशासन की आंखों के सामने यह खेल बेखौफ खेल रहा था। कई बार मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से चेतावनी दी गई थी, परंतु प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
मंगलवार की रात दो ओवरलोडेड ट्रकों के एकसाथ पुल पार करने के दौरान पुल बीच से ही टूटकर ध्वस्त हो गया। इस भीषण हादसे के चलते शिलचर-कालाइन मार्ग पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग से ट्रैफिक डायवर्ट करने का प्रयास किया है, लेकिन वह मार्ग संकरा, जर्जर और अत्यंत खतरनाक बताया जा रहा है।
इस घटना के बाद आम जनता में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। स्थानीय लोगों ने पूछा है:
- आखिर ये सिंडिकेट चला कौन रहा था?
- वर्षों तक क्यों नहीं हुई कोई कार्रवाई?
- क्या किसी बड़े हादसे का इंतज़ार था?
स्थानीय नागरिकों ने घटना की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही यह भी मांग की जा रही है कि यातायात बहाल करने के लिए शीघ्र नवनिर्माण कार्य शुरू किया जाए।




















