विशेष प्रतिनिधि, शिलचर, 19 जून:
शहर के तरापुर क्षेत्र में सोमवार को एक निर्माणाधीन इमारत में रंग-रोगन का काम चल रहा था, जब एक गंभीर हादसे में चार लोग घायल हो गए। यह हादसा ईशान अपार्टमेंट में उस वक्त हुआ जब रंगाई कर रहे मजदूर सितु दास असावधानीवश ऊपरी मंजिल से नीचे गिर पड़े। गिरते समय वह नीचे खड़ी दिन-मजदूरी करने वाली विधवा महिला सबिता बाला दास के ऊपर आ गिरे, जिससे महिला के दोनों हाथ टूट गए।
इसी घटना में रंग से भरी बाल्टी नीचे गिरने से दो अन्य महिलाओं के घुटनों में गंभीर चोटें आईं। उनमें से एक महिला फिलहाल चलने-फिरने में पूरी तरह असमर्थ हैं।
सबिता बाला दास एक विधवा महिला हैं जो कुछ दिन पहले ही सरकारी सहायता की आस में स्थानीय विधायक दीपायन चक्रवर्ती के कार्यालय पहुंची थीं। दुर्भाग्यवश, यह दुर्घटना ठीक उसी कार्यालय के समीप हुई, लेकिन न तो विधायक और न ही प्रशासन की ओर से अब तक किसी प्रकार की सहायता दी गई है।

घायल रंगकर्मी के परिवार का भी आरोप है कि इमारत के मालिक ने न तो इलाज में कोई मदद की और न ही आर्थिक सहायता दी। एक स्थानीय बुजुर्ग नागरिक की पहल पर घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन प्रशासन की उदासीनता और विधायक की चुप्पी पर अब स्थानीय लोगों ने तीखे सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अगर शिलचर जैसे शहर में विधायक कार्यालय के बगल में ऐसी दुर्घटना होने के बावजूद पीड़ितों को न तो इलाज मिलता है, न मुआवज़ा और न ही सुरक्षा, तो आम जनता की उम्मीदें कहां जाकर टिकेंगी?
निर्माण स्थलों पर सुरक्षा इंतज़ामों की घोर अनदेखी और प्रशासनिक लापरवाही ने एक गरीब विधवा महिला की ज़िंदगी को स्थायी रूप से विकलांग बना दिया है। अब स्थानीय जनता मांग कर रही है कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे, पीड़ितों का मुफ्त इलाज कराए और उचित मुआवज़ा दिलवाए। साथ ही विधायक दीपायन चक्रवर्ती को भी इस संवेदनशील मुद्दे पर चुप्पी तोड़नी चाहिए और पीड़ितों के साथ खड़ा होना चाहिए।
आख़िर एक बड़ा सवाल उठता है — जब हादसे विधायक कार्यालय के बगल में हों और जनता फिर भी असुरक्षित हो, तो जवाबदेह कौन है?





















