शिलचर, 22 जून:
पिछले सात से आठ महीनों से शुद्ध पेयजल की गंभीर किल्लत से जूझ रहे शिलचर के दक्षिण बिलपार क्षेत्र के निवासी अब आंदोलन के मूड में हैं। रविवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी कि यदि अगले 7 से 10 दिनों के भीतर इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं हुआ, तो वे आने वाले हर चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
स्थानीय लोगों ने बताया कि पीएचई विभाग की पाइपलाइन से गंदा और दुर्गंधयुक्त पानी आ रहा है, जिससे लोग मजबूरी में बाजार से महंगा पानी खरीदकर अपना गुजारा कर रहे हैं। पीने योग्य पानी की आपूर्ति न तो नियमित है और न ही इसकी कोई निश्चित समय-सारणी है, जिससे लोग रोजाना भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय निवासी कई बार जनप्रतिनिधियों, शिलचर नगर निगम और पीएचई विभाग से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर निगम और पीएचई विभाग एक-दूसरे पर दोष मढ़कर सिर्फ टालमटोल कर रहे हैं।
इतना ही नहीं, बिना पूर्व सूचना के विभागीय अधिकारियों और ठेकेदारों ने बिना योजना के सड़कों की खुदाई कर दी, जिससे बरसात के पानी का निकास अवरुद्ध हो गया। अब क्षेत्र में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जो एक कृत्रिम बाढ़ जैसी दिख रही है। घरों में पानी घुसने से लोगों का सामान नष्ट हो गया है और जीवन नारकीय बन गया है।
इस गंभीर स्थिति पर रविवार को रतन दत्त मजूमदार, अमित भट्टाचार्य, राजू साहा, अंकित डे, राजदीप साहा, रविशंकर दास, बिकाश देवनाथ और सुजीत साहा सहित कई नागरिकों ने पत्रकारों के सामने खुलकर अपनी बात रखी। सभी ने एक स्वर में कहा कि अगर समय रहते पेयजल संकट का समाधान नहीं हुआ तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और आने वाले हर चुनाव का बहिष्कार करेंगे।





















