153 Views
राजू दास, शिलचर, 24 जून।
असम के डिमा हसाओ ज़िले के जाटिंगा लामपुर स्टेशन के पास भयानक भूस्खलन के कारण लामडिंग-बदरपुर पहाड़ी रेलमार्ग पर ट्रेन सेवा पूरी तरह से बंद कर दी गई है। भूस्खलन के चलते उत्तर-पूर्व सीमांत रेलवे ने इस रूट पर ट्रेनों का संचालन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है। साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी भूस्खलन के कारण बराक घाटी अब रेलवे और सड़क—दोनों माध्यमों से राज्य के बाकी हिस्सों से लगभग पूरी तरह कट चुकी है।
पहाड़ी की ढलान से कीचड़, पत्थर और मिट्टी गिरकर रेलवे लाइन पर एक विशाल मलबा जमा हो गया है। इसके कारण रेल संचालन अत्यधिक जोखिम भरा हो गया और तुरंत ट्रेन सेवाएं रोक दी गईं।
रद्द की गई ट्रेनें:15615 गुवाहाटी–शिलचर एक्सप्रेस
15611 रंगिया–शिलचर एक्सप्रेस,15617गुवाहाटी–दुल् लवछड़ा एक्सप्रेस, 05637 नाहरलगुन–शिलचर स्पेशल
आंशिक रूप से रोकी गई ट्रेनें: 05638 शिलचर–नाहरलगुन (नई हरंगाजाओ तक सीमित)
12501 कोलकाता–अगरतला गरीब रथ एक्सप्रेस (गुवाहाटी में रोकी गई)
रेल मार्ग के साथ-साथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी भूस्खलन के कारण पूरी तरह बंद हो गया है। हाफलोंग के रास्ते असम, मिजोरम, त्रिपुरा और मणिपुर से बराक घाटी का सड़क संपर्क भी टूट चुका है। कई स्थानों पर ट्रक, बस और अन्य भारी वाहन फंसे हुए हैं। खाद्य सामग्री, दवाइयों और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में बाधा आ रही है।
इसके चलते शिलचर, करीमगंज और हाइलाकांदी जिले लगभग घेराबंदी जैसी स्थिति में हैं। यात्रियों और आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे और सड़क विभाग मिलकर राहत और मरम्मत का कार्य शुरू कर चुके हैं, लेकिन भारी वर्षा के कारण हालात और भी जटिल होते जा रहे हैं। प्रिंट मीडिया को रॉ मटेरियल के लिए समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
एक ओर उत्तर-पूर्व भारत का एक अहम रेलमार्ग बंद है, दूसरी ओर राष्ट्रीय राजमार्ग भी पूरी तरह से प्रभावित है। बराक घाटी के तीनों जिले असम और देश के बाकी हिस्सों से लगभग पूरी तरह कट गए हैं। जब तक वैकल्पिक परिवहन व्यवस्था और त्वरित मरम्मत नहीं होती, संकट और गंभीर हो सकता है।





















