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गुवाहाटी 26 जून: आज सूर्या फाउंडेशन द्वारा आयोजित गोहपुर कोकिलागुड़ी में 30 दिवसीय बास शिल्प प्रशिक्षण शिविर के समापन कार्यक्रम किया गया जो 26 मई 2025 से प्रारंभ हुआ था। इस प्रशिक्षण शिविर के समापन कार्यक्रम में स्थानीय विधायक श्रीमान उत्पल बोरा मुख्य अतिथि के रूप में तथा अंचलिक पंचायत सदस्य श्रीमती मामनी सईकिया विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रही। पंचायत के सदस्य उमेश बरुआ, लखीराम बरुआ सूर्या फाउंडेशन के क्षेत्र प्रमुख गजानन चौहान भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में श्रीमान उत्पल बोरा ने बताया कि यह एक अनोखा प्रशिक्षण शिविर इस क्षेत्र में लगा जिसमें 30 दिन पूरा हुआ। प्रशिक्षण के महिलाओं ने जो जो शिल्पकारिता सीखा इससे अपने जीवन में आर्थिक रूप से सक्षम बन सकती हैं। बास का कीमत बहुत बढ़-चढ़ के पा सकती है। अलंकार बनाने का माध्यम से एक बास से एक लाख की कमाई हो सकता है। जिसमें उन्होंने बंबू लेडी नीरा शर्मा का उदाहरण रखा।
असम के स्टेट के गजानन ने बताया की इन 25 महिलाओं के माध्यम से गोहपुर को एक बास शिल्प के क्षेत्र के रूप में डेवलप करने का योजना बनाया गया है। इन 30 महिलाओं के माध्यम से क्षेत्र के और भी लोग इस शिल्प से जुड़ेंगे सीखेंगे और आगे चलकर बास का उचित मूल्य प्राप्त करके आर्थिक रूप से सक्षम बनेंगे। सूर्या फाउंडेशन इस दिशा में सब प्रकार के सहयोग करेंगा।
30 दिवसीय शिविर में 25 महिला तथा 7 पुरुष प्रशिक्षार्थी पूरा 30 दिन उपस्थित रहे। जिनमें से महिलाओं ने कान के झुमका हाथ के कंगन बाल के अलंकार तथा घर के सजावट के समान साथ में कप, प्लेट, चाय के ट्रे, टिशू पेपर, स्टैंड, पेन स्टैंड आदि 15 प्रकार के वस्तु बनाने का प्रशिक्षण लिया। साथ ही साथ पुरुषों ने सोफा, चारपाई, पलंग, कुर्सी, मेज आदि बास द्वारा बनाने का प्रशिक्षण लिया। सभी 32 प्रशिक्षणार्थियों को सूर्या फाउंडेशन द्वारा प्रमाण पत्र श्रीमान उत्पल बोर के कर कमलों से प्रदान किया गया। सभी प्रशिक्षार्थियों ने संकल्प किया कि आगे चलकर बांस शिल्प के उत्पाद प्रारंभ करके अपना आर्थिक सक्षमता बढ़ाएंगे।





















