धोलाई, 26 जून – राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण इलाकों की सड़कों के विकास और गर्भवती महिलाओं के लिए आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। बुधवार को धलाई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत भुवनडहर ग्राम पंचायत के टुपिडहर द्वितीय खंड गांव में ऐसी ही एक दर्दनाक घटना सामने आई, जिसने सरकार के विकास योजनाओं की वास्तविकता को उजागर कर दिया।
भारी बारिश के चलते गांव की सड़कें पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं, जिससे 108 एंबुलेंस सेवा गांव तक नहीं पहुंच पाई। गांव के रास्ते में तीन किलोमीटर पहले ही एंबुलेंस को रोकना पड़ा। मजबूरन ग्रामीणों को एक गर्भवती महिला सानिया रविदास को तीन किलोमीटर तक घुटने-घुटने पानी में पैदल चलाकर एंबुलेंस तक लाना पड़ा। इस दौरान महिला की हालत गंभीर हो गई।

ग्रामीणों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश देखा गया। प्रदीप रविदास, दिलीप रविदास, दीपर रविदास समेत अन्य स्थानीय लोगों ने बताया कि भुवनडहर-टुपिडहर इलाके में हर साल बारिश के मौसम में यही स्थिति होती है, लेकिन जनप्रतिनिधियों द्वारा आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया है।
तीन किलोमीटर पानी भरे रास्ते में चलने के कारण गर्भवती महिला की तबीयत और बिगड़ गई, जिसके बाद उसे गंभीर स्थिति में शिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया।
यह घटना न केवल सरकार की योजनाओं की असफलता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। स्थानीय जनता ने इस गंभीर स्थिति के लिए सरकार, विधायक और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए जल्द से जल्द स्थायी समाधान की मांग की है





















