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कोराना महामारी में खाद्य पदार्थों के बढ़ते दाम पर अंकुश लगाने तथा जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

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कोरोना महामारी के समय सिलचर में बेरोजगार बेघर लोगों की जिंदगी छीनकर मौत के कगार पर धकेलने के लिए एक सर्कल काफी सक्रिय हैं। कछाड़ का खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग और खाद्यान्न व्यापारी संघ इस साजिश में शामिल हैं।  नतीजतन, चावल, दाल, आलू, खाद्य तेल, चीनी, दाल और शिशु आहार की कीमतें असामान्य रूप से बढ़ गई है।  करीमगंज और हैलाकांदी जिलों से कछाड़की दैनिक जरूरतों की चीजों के दाम काफी ज्यादा हैं।एक  क्विंटल आलू में 400 की बढ़ोतरी कर इस सर्कल ने करोड़ों रुपये कमा लिए हैं।  हाल ही में बराक डेमोक्रेटिक फ्रंट ने सरकार से मांग की थी कि महंगाई के आरोप लगाकर लोगों के दुश्मनों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाए।  संभाग मंत्री रंजीत कुमार दास ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी।  उन्होंने कछाड़ के डीसी को इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।  इसके अलावा, खाद्य एवं नागरिक मामलों के सचिव देवज्योति दत्ता ने सभी जिलों के उपायुक्तों और उप-मंडल अफसरों को 17 जून, 2021 को जारी किए गए स्थानांतरण आदेश में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं ताकि आपूर्ति विभाग में उग आए सिंडिकेट को उखाड़ फेंका जा सके।  मंत्री रंजीत दास के कड़े निर्देश के बाद सिलचर, करीमगंज और हैलाकांदी में पनप रहे सिंडिकेटों में कोहराम मच गया है। बीडीएफ ने सवाल किया है कि कछाड़ के डीसी द्विपेन शर्मा और तापश पोद्दार ने 9 दिन बाद भी रिपोर्ट क्यों नहीं दिया।बीडीएफ ने रामनगर गोदाम में चावल घोटाले पर डीसी को सौंपी गई रिपोर्ट पर तत्काल कार्रवाई की भी मांग की है।  नहीं तो बीडीएफ के मुख्य संयोजक प्रदीप दत्ता रॉय ने कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर लोगों के हित में डीसी कार्यालय को घेरने की धमकी दी है।

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