शिलचर, 2 जुलाई — सिलचर-जयंतिया रोड पर स्थित बाबुरबाजार का हारांग पुल अब पूरी तरह खतरे की जद में आ गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस पुल की स्थिति भांगारपार के ढह चुके हारांग पुल की तरह ही बेहद नाजुक हो चुकी है, और यह कभी भी भारी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
बताया गया कि इस पुल से रोज़ाना 100 से अधिक भारी-भरकम, ओवरलोडेड मालवाहक ट्रक गुजरते हैं, जबकि प्रशासन द्वारा यहां अधिकतम 40 टन भार वहन की अनुमति दी गई है। परंतु हकीकत यह है कि रोजाना 14 से 16 चक्के वाले बड़े ट्रक इस पुल से पार हो रहे हैं, जिससे पुल की संरचना को गंभीर क्षति पहुंच रही है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि इससे पहले काठीघोड़ा का गैमन पुल और भांगारपार का हरांग पुल ओवरलोडेड ट्रकों के भार से ढह चुके हैं। अब जब कि गुवाहाटी से बराक घाटी, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर जैसे राज्यों को जोड़ने के लिए शिलचर-जयंतिया रोड ही एकमात्र वैकल्पिक मार्ग बचा है, उस पर स्थित यह पुल भी खतरे में है।
निवासियों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अगर यह पुल भी टूट जाता है, तो पूर्वोत्तर राज्यों के बीच संपर्क पूरी तरह से टूट जाएगा, जिससे परिवहन, आपूर्ति और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होगा।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए स्थानीय लोगों ने असम के मुख्यमंत्री और काछार जिला प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। साथ ही ओवरलोडेड ट्रकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है, ताकि किसी बड़ी त्रासदी को रोका जा सके।




















