काठीघोड़ा क्षेत्र के अंतर्गत कुसियारकुल ग्राम पंचायत के विश्वंभरपुर छठे खंड के लगभग 70 गरीब परिवार हाल ही में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) की सूची से वंचित रह गए हैं। ग्रामवासियों का आरोप है कि इस गंभीर स्थिति के लिए जीविका सखी नमिता लोहार की लापरवाही और जिम्मेदारी से भागने की प्रवृत्ति जिम्मेदार है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, नमिता लोहार ने लाभार्थियों के घरों का सही ढंग से जिओ-टैगिंग नहीं किया। कई परिवारों का कहना है कि उन्होंने बार-बार निवेदन करने के बावजूद भी वह उनके घर तक नहीं पहुंचीं, जिसके कारण उनका नाम हाल ही में जारी आवास योजना की सूची में नहीं आ पाया।
विश्वंभरपुर गांव असम के कछार जिले के पश्चिम कटिगढ़ा का एक पिछड़ा इलाका है, जो बांग्लादेश सीमा से सटा हुआ है। यहां के अधिकांश लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते हैं। ऐसे में इस तरह की लापरवाही बेहद चिंताजनक और निंदनीय है।
गांववासियों ने यह भी आरोप लगाया है कि पूर्व में जिन लोगों को पहले ही आवास योजना के तहत घर मिल चुका है, उनका नाम दोबारा नई सूची में जोड़ दिया गया है। यहां तक कि कुछ परिवारों के एक से अधिक सदस्यों के नाम भी सूची में शामिल हैं, जो स्पष्ट रूप से नियमों के खिलाफ है।
इस अन्याय से आहत ग्रामीणों ने कछार जिला प्रशासन और असम के मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। वे चाहते हैं कि मामले की निष्पक्ष जांच कर वास्तविक पात्र लाभार्थियों को सूची में शामिल किया जाए और उन्हें शीघ्र आवास योजना का लाभ प्रदान किया जाए।





















