शिलचर, मधुरबंद, 17 जुलाई: शिलचर के मधुरबंद के बाखरशाह मोकाम क्षेत्र निवासी महमूदुर रहमान मज़ूमदार और उनके परिवार ने अपनी पैतृक संपत्ति पर अवैध कब्जे का गंभीर आरोप लगाया है। सोमवार को अपने निवास पर आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में मज़ूमदार परिवार ने दावा किया कि शिलचर से लगभग चार-पाँच किलोमीटर दूर काड़ारपार इलाके में उनकी कई बीघा ज़मीन है, जिस पर कुछ स्थानीय लोगों ने जबरन कब्जा कर लिया है।
महमूदुर रहमान मज़ूमदार और उनके भतीजे अहमद हुसैन मज़ूमदार ने बताया कि जब उन्हें ज़मीन पर अवैध कब्जे की सूचना मिली, तो वे सूर्यमणि जाकर इसका विरोध जताने पहुंचे। लेकिन कब्जाधारियों ने उन पर हमला किया और गंभीर धमकियाँ दीं। शुरुआत में उन्होंने सामाजिक स्तर पर मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। इसके बाद लगातार उनके ज़मीन के हिस्सों पर कब्जा किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कब्जाधारी लोगों में बाबुल हुसैन लश्कर उर्फ ‘धोला’, फजरी लश्कर, सोनाहर लश्कर, फकीर अली लश्कर, सेबार लश्कर, साबउद्दीन लश्कर समेत कई अन्य लोग शामिल हैं। विरोध करने पर इन लोगों ने मारपीट की और लगातार धमकियाँ दीं।
मज़ूमदार परिवार ने बताया कि इस मामले को लेकर उन्होंने न्यायालय की शरण ली है और मुकदमा जारी है। उनका यह भी आरोप है कि कब्जाधारी सभी लोग भारतीय नागरिक नहीं हैं, बल्कि बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं। उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई कि अवैध कब्जे वाली ज़मीन पर सरकार द्वारा बिजली, प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएम आवास), आदि विकास परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
उन्होंने असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा से हस्तक्षेप कर इन ज़मीन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। पत्रकार सम्मेलन में महमूदुर रहमान मज़ूमदार, अहमद हुसैन मज़ूमदार, रबु मज़ूमदार, मासूक अहमद मज़ूमदार, फूलराज मज़ूमदार, जाहिद मज़ूमदार, अब्दुल मोमिन मज़ूमदार, शमीम अहमद मज़ूमदार और नेकीर अहमद मज़ूमदार उपस्थित थे।
परिवार ने प्रशासन से अपील की है कि वे इस मामले की निष्पक्ष जांच कर उन्हें न्याय दिलाएं।




















