छेछरी/बड़खोला, 23 जुलाई:बड़खोला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत छेछरी से रानीघाट तक जाने वाली एकमात्र संपर्क सड़क—चेसरी-गणिरग्राम सड़क—आज बदहाली की मिसाल बन चुकी है। वर्षों से मरम्मत के अभाव और सार्वजनिक निर्माण विभाग की उदासीनता के कारण यह सड़क अब जानलेवा बन चुकी है।
स्थानीय लोगों की माने तो जगह-जगह बने तालाब जैसे गड्ढों में अब बतख तैर रही हैं, और यही दृश्य शुक्रवार को कैमरे में भी कैद किया गया। बारिश में सड़क दलदल में बदल जाती है, तो गर्मी में धूल के गुबार उड़ते हैं। स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्र हों या अस्पताल पहुंचने वाले मरीज़—हर किसी को इस सड़क से गुजरना नर्क जैसी पीड़ा दे रहा है।
सबसे बड़ी विडंबना यह है कि विधायक मिस्बाहुल इस्लाम लश्कर, जिन्हें इसी क्षेत्र की जनता ने भारी मतों से चुना था, उन्होंने चुनाव से पहले वादा किया था कि अगर वे जीतते हैं तो सबसे पहले इसी सड़क का निर्माण कराएंगे। लेकिन अब जब उनका कार्यकाल समाप्ति की कगार पर है, तब तक एक ईंट भी नहीं लगी।
करीब तीन महीने पहले रानीघाट में एक सूचना पट्ट (Information Board) लगाया गया था जिसमें लिखा था कि इस सड़क की मरम्मत के लिए 2 करोड़ 87 लाख 92 हजार रुपये स्वीकृत हुए हैं और कार्य अप्रैल में शुरू होना था, लेकिन जुलाई बीत जाने के बावजूद एक फावड़ा भी नहीं चला।
अब्दुल मुसब्बिर एमई स्कूल से लेकर छेछरी तक का रास्ता बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। उजानग्राम में सड़क के गड्ढों में बतखों का तैरना साफ दर्शाता है कि हालात कितने बदतर हैं।
जनता ने अब बराक विकास मंत्री कौशिक राय, मंत्री कृष्णेंदु पाल, अभिभावक मंत्री तथा असम के मुख्यमंत्री और काछार के जिलाधिकारी से अपील की है कि वे इस गंभीर समस्या पर अविलंब संज्ञान लें और सड़क निर्माण कार्य की तत्काल शुरुआत कराएं।
जनता की उम्मीदें अगर टूटी हैं, तो जनप्रतिनिधियों को जवाबदेह बनाना जरूरी है। सड़क केवल कंक्रीट का रास्ता नहीं, यह जनता की जीवनरेखा होती है।





















