121 Views
हाइलाकांदी २७ जुलाई:प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई ने अब असम के आरक्षित वन क्षेत्रों में जारी अवैध अतिक्रमण और उस संदर्भ में राज्य सरकार की एकतरफा बेदखली नीति के खिलाफ आवाज उठाई है। हाइलाकांदी के अपने दौरे पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए, गोगोई ने विस्फोटक टिप्पणी की और कहा—“जहाँ असम के कई लोगों को बेदखल किया जा रहा है, वहीं मिज़ोरम और नागालैंड से अवैध रूप से आकर ज़मीन पर कब्ज़ा करने वालों को अभी तक छुआ तक नहीं जा रहा है। यह कैसा न्याय है?”
उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा, “क्या भाजपा सरकार राजनीतिक लाभ या वोट शेयर के लिए किसी खास समुदाय को निशाना बना रही है? अगर बेदखली करनी ही है, तो सभी के लिए कदम एक जैसे होने चाहिए।”
गौरव गोगोई का यह बयान बराक घाटी और पूरे राजनीतिक हलके में राज्य सरकार की भूमिका को लेकर एक नई बहस छेड़ सकता है। उन्होंने कहा, “यह सरकार सिर्फ़ ग़रीबों और हाशिए पर पड़े लोगों को बेदखल करने की कोशिश कर रही है। सरकार उन लोगों की तरफ़ देख भी नहीं रही है जो सीमा पार करके आए हैं और दिन-ब-दिन वन भूमि और आरक्षित क्षेत्रों पर कब्ज़ा कर रहे हैं। इसका क्या मतलब है?”
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस भविष्य में इस मुद्दे पर विस्तृत जानकारी के साथ जनमत तैयार करेगी और इस पक्षपातपूर्ण नीति के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन आयोजित करेगी।
स्थानीय निवासियों की सुरक्षा और वन भूमि के संरक्षण के बारे में गौरव गोगोई ने यह भी कहा, “अगर राज्य सरकार वाकई वन क्षेत्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर होती, तो चुनावी गणित से ऊपर उठकर सभी प्रकार के अवैध अतिक्रमण के ख़िलाफ़ समान कदम उठाती। लेकिन हक़ीक़त में जो दिख रहा है, वह भेदभावपूर्ण नीतियों और राजनीतिक स्वार्थ का खेल है।”





















