शिलचर, 31 जुलाई:भारत के नवजागरण आंदोलन के अग्रदूत, महान समाजसुधारक और शिक्षा प्रवर्तक पंडित ईश्वरचंद्र विद्यासागर की पुण्यतिथि आज एआईडीएसओ (ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन) की काछार जिला कमेटी द्वारा पूरे सम्मान और श्रद्धा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में श्रद्धांजलि सभाओं और विचार गोष्ठियों का आयोजन किया गया।
शिलचर टाउन कमेटी की ओर से स्टिमर घाट रोड पर, दूधपतिल अंचल कमेटी द्वारा शास्त्री नगर में, श्रीकोनाञ अंचल कमेटी की ओर से साहारजुम में तथा पश्चिम शिलचर अंचल कमेटी द्वारा आश्रम रोड में विद्यासागर की प्रतिमा या चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। इन कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं और संगठन के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
कार्यक्रमों में विद्यासागर के जीवन, संघर्ष और उनके सामाजिक योगदान पर विस्तार से चर्चा की गई। इन सभाओं को एआईडीएसओ काछार जिला कमेटी की अध्यक्ष स्वागता भट्टाचार्य, संगठन के राज्य परिषद के सह-संपादक प्रशांत भट्टाचार्य और गौरीचंद्र दास सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया।
वक्ताओं ने कहा कि एक ऐसे समय में जब भारतीय समाज अंधविश्वास, धार्मिक कट्टरता और मध्ययुगीन कुप्रथाओं के शिकंजे में था, तब विद्यासागर ने साहसिक रूप से सामाजिक सुधारों की मशाल जलाई। उन्होंने न केवल स्त्री शिक्षा को बढ़ावा दिया, बल्कि विधवा पुनर्विवाह को वैध कराने और बहु विवाह प्रथा के उन्मूलन के लिए ऐतिहासिक पहल की। विद्यासागर का सपना एक वैज्ञानिक, धर्मनिरपेक्ष और जनोन्मुखी शिक्षा प्रणाली स्थापित करना था।
स्वागता भट्टाचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार विद्यासागर के आदर्शों के विपरीत जाकर शिक्षा का निजीकरण, व्यापारीकरण और साम्प्रदायिकीकरण कर रही है। उन्होंने कहा कि ठीक आज ही के दिन, 29 जुलाई 2020 को केंद्र सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) लागू की थी, जो जनकल्याणकारी शिक्षा प्रणाली को खत्म कर रही है। इस नीति के तहत सरकारी शिक्षा संस्थानों को बंद किया जा रहा है और शिक्षा को महंगा बनाकर गरीब छात्रों के लिए शिक्षा के द्वार बंद किए जा रहे हैं।
उन्होंने विद्यासागर के विचारों की पुनर्स्थापना के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पूरी तरह से रद्द करने की मांग करते हुए देशव्यापी जन आंदोलन खड़ा करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर एआईडीएसओ के साथ एआईडीवाईओ और एआईएमएसएस द्वारा संयुक्त रूप से धुवारबंद बाजार में भी कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विद्यासागर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सभा को एआईडीवाईओ के जिला सचिव परितोष भट्टाचार्य और एआईएमएसएस की सक्रिय कार्यकर्ता संपा दे ने संबोधित किया।
कार्यक्रमों के माध्यम से वक्ताओं ने यह संदेश दिया कि विद्यासागर के विचार आज भी प्रासंगिक हैं और उनके अधूरे सपनों को साकार करने के लिए हमें संगठित प्रयास करने होंगे।




















