काछार जिला के बड़खोला विधानसभा अंतर्गत उत्तर बुड़िबाइल ग्राम पंचायत के निवासियों पर इन दिनों बराक नदी की आक्रामक कटाव ने कहर बरपा रखा है। नदी के कटाव की वजह से लोगों के आशियाने, खेत-खलिहान और जनजीवन तेजी से बर्बाद हो रहे हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस भयावह स्थिति पर पूरी तरह मौन हैं।
स्थानीय विधायक मिसबाहुल इस्लाम लश्कर ने एक बार दौरा कर मात्र औपचारिकता निभा दी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उनके वादों का धरातल पर कोई असर नहीं दिख रहा, जिससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है।
नदी कटाव की लगातार शिकायतों के बावजूद समाधान नहीं मिलने पर अब ग्रामीणों ने सभी राजनीतिक दलों के नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर कटाव प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और विभागीय मंत्री से अविलंब हस्तक्षेप की मांग की।
ग्रामीणों का कहना है कि हर साल मानसून के समय बराक नदी के किनारे बसे गांवों में भय और अनिश्चितता का माहौल छा जाता है। लोग रातभर इस डर में रहते हैं कि कब उनका घर नदी में समा जाएगा। प्रशासनिक उपेक्षा ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
इस दिन के निरीक्षण में ग्राम पंचायत अध्यक्ष मदनमोहन पाल, समूह सदस्य प्रतिनिधि जमील अहमद चौधरी, तृणमूल कांग्रेस के जिला महासचिव अब्दुल बासित लश्कर, समूह प्रतिनिधि नजीर अहमद, समाजसेवी बप्पा लश्कर और यूडीएफ के कछार जिला महासचिव मोहम्मद फैसल अहमद बड़भुइयां समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही ठोस कदम नहीं उठाए गए तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।




















