शिलचर, 31 जुलाई: सहकारी क्षेत्र को अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और आधुनिक बनाने के उद्देश्य से कछार जिला उप-सहकारी निबंधक कार्यालय द्वारा 28 जुलाई से 30 जुलाई 2025 तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला बराक हिंदी साहित्य समिति, विकास भवन रोड, शिलचर में आयोजित हुई, जिसमें कछार और हैलाकांदी जिलों के 50 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी भागीदारी करते हैं।
कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कछार के उप-सहकारी निबंधक डॉ. एन. अहमद ने कहा कि परामर्शदाता और कार्यालय सहायक जैसे सहकारी संस्थानों के जमीनी कर्मचारी, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बदलते प्रशासनिक ढांचे के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए निरंतर प्रशिक्षण को आवश्यक बताया।
इस प्रशिक्षण में एफ.आर/एस.आर, असम सहकारी अधिनियम, डिजिटल ऑडिटिंग, सहकारी समितियों का पंजीकरण और विलोपन, केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाएं, बजट निर्माण, लेखा प्रबंधन, वेतन निर्धारण तथा सिविल सर्विस कंडक्ट रूल्स जैसे विषयों पर विस्तृत तकनीकी सत्र आयोजित किए गए।
कार्यक्रम में राज्य सहकारिता विभाग के अधिकारी, जिला प्रशासन के मास्टर ट्रेनर और NABARD के विशेषज्ञों ने प्रशिक्षकों की भूमिका निभाई। उन्होंने सहकारी अधिनियम में हालिया संशोधनों और निरीक्षण के दौरान आने वाली व्यावहारिक चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। कछार और हैलाकांदी जिलों के NABARD के DDM अधिकारियों ने भी भाग लेकर NABARD द्वारा सहकारी क्षेत्र में चलाए जा रहे विभिन्न विकासपरक परियोजनाओं की जानकारी दी।
प्रतिभागियों ने इस प्रशिक्षण शिविर को अत्यंत समयानुकूल और उपयोगी बताया तथा भविष्य में इस तरह के और कार्यक्रमों की मांग की। प्रशिक्षण के अंतिम दिन एक भव्य समापन समारोह आयोजित किया गया, जिसमें सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बराक घाटी में सहकारी क्षेत्र को अधिक दक्ष, डिजिटल और जनोन्मुखी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
यह जानकारी बराक घाटी के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय, शिलचर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई है।




















