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कोशिश कर, हल निकलेगा,
आज नहीं तो कल निकलेगा।
अर्जुन के तीर-सा लक्ष्य साध,
परिश्रम कर, परिणाम मिलेगा।
मेहनत से सींच पौधों को,
बंजर धरती से फल निकलेगा।
मरुस्थल के सीने से भी,
कभी-न-कभी जल निकलेगा।
जिंदा रख उम्मीद दिलों में,
गरल से भी अमृत निकलेगा।
सच की राह पर डट जा तू,
अंधेरे से भी कल निकलेगा।
हिम्मत बाँध, न डर तू हालात से,
फौलाद-सा बल निकलेगा।
कोशिशें कर, चलते रह,
जो थमा–थमा सा है—चल निकलेगा।
Deepika Singh
BA 3rd Sem
Govt first grade college K R Pura Bangalore-36





















