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शिलचर साउथ पॉइंट हाई स्कूल की मान्यता रद्द कराने की कानूनी कोशिश पर छात्रों, अभिभावकों और समाज का तीव्र विरोध

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शिलचर, 01 अगस्त:बराक घाटी के प्रतिष्ठित और सुविख्यात शैक्षणिक संस्थानों में से एक साउथ पॉइंट हाई स्कूल, शिलचर के भविष्य पर गहरा संकट मंडरा रहा है। स्कूल के संस्थापक स्व. इन्दु भूषण डे के उत्तराधिकारी — श्री सप्रतिक डे, श्रीमती लिपिका धर और श्रीमती मधु चांदा सरकार — ने गुवाहाटी हाई कोर्ट में एक रिट याचिका (WP(C)/5862/2023) दायर कर स्कूल की मान्यता रद्द करने की माँग की है।

इस याचिका में याचिकाकर्ताओं ने स्कूल की ज़मीन को लेकर उत्तराधिकार संबंधी विवाद उठाते हुए, असम माध्यमिक शिक्षा परिषद (SEBA) और राज्य सरकार से स्कूल की मान्यता समाप्त करने, स्कूल को बंद करने और ज़मीन खाली कराने की अपील की है। इससे पहले, इन्हीं याचिकाकर्ताओं के अनुरोध पर स्कूल से संबद्ध हेमांगिनी डे मेमोरियल जूनियर साइंस कॉलेज पहले ही बंद हो चुका है। इस घटनाक्रम से अभिभावक, छात्र और शुभचिंतक गहरी चिंता में हैं।

“यह स्कूल केवल एक भवन नहीं, बल्कि हमारे बच्चों के भविष्य की नींव और समाज की शैक्षणिक आकांक्षाओं का प्रतीक है,” — गार्जियन फोरम की 30 जुलाई को आयोजित आपात बैठक में एक चिंतित अभिभावक ने कहा। उन्होंने बताया कि स्कूल के प्राचार्य को जबरन हटा दिया गया है और अमेरिका से लौटे उत्तराधिकारियों का दावा है कि स्कूल चलता रहेगा, जबकि कोर्ट की याचिका में तो इसे बंद करने की माँग की गई है।

1982 में स्थापित यह स्कूल बराक घाटी के हजारों छात्रों को अनुशासित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता आया है। अनेक परिवारों की पीढ़ियाँ इस संस्था से जुड़ी रही हैं। शिक्षा क्षेत्र में इसकी साख बेजोड़ है।

अभिभावकों और अन्य हितधारकों का आरोप है कि याचिकाकर्ता स्कूल के संस्थापक की मूल भावना और विरासत की रक्षा करने के बजाय निजी लाभ के लिए स्कूल की मान्यता खत्म कराने और ज़मीन का पुनः अधिग्रहण कर व्यावसायिक उपयोग करने की दिशा में काम कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह कानूनी प्रक्रिया छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के अधिकारों की अनदेखी कर रही है।

गार्जियन फोरम, पूर्व छात्रगण और सामाजिक कार्यकर्ता अब इस प्रयास का विरोध करने के लिए कानूनी और लोकतांत्रिक संघर्ष की राह पर उतर चुके हैं। जनहित याचिका दाखिल की जा चुकी है और सभी जागरूक नागरिकों से इस संघर्ष में भाग लेने की अपील की गई है।

गार्जियन फोरम ने अपने बयान में कहा —
“यह शिलचर और पूरे बराक क्षेत्र के लिए एक निर्णायक क्षण है। हमें अपनी उत्कृष्ट शिक्षा व्यवस्था और संस्थागत विरासत को बचाने के लिए एकजुट होना होगा। आइए, सुनिश्चित करें कि हमारे बच्चों का भविष्य निजी स्वार्थ की बलि न चढ़े।”

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