शिलचर, 5 अगस्त:“स्वच्छ भारत” अभियान और हाल ही में राज्य स्तरीय स्वच्छता पुरस्कार जीतने वाला शिलचर शहर एक बार फिर सुर्खियों में है — लेकिन इस बार एक अजीब विडंबना को लेकर। जहाँ एक ओर शिलचर को राज्य के चार सबसे स्वच्छ शहरों में चुना गया, वहीं दूसरी ओर शहर के सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण क्षेत्र में फैली गंदगी स्वच्छता के दावों पर सवाल खड़े कर रही है।
काछार जिला शासक (डिप्टी कमिश्नर) कार्यालय और पुलिस अधीक्षक के आवास के ठीक बगल में स्थित गली में लंबे समय से कचरे का ढेर जमा है। यह वही गली है जहाँ एक प्रतिष्ठित सरकारी बालिका विद्यालय भी स्थित है। विद्यालय आने-जाने वाली छात्राओं को दुर्गंध और गंदगी के बीच से गुजरना पड़ता है, जिससे उनका दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है।
गौरतलब है कि हाल ही में शिलचर नगरपालिका को निगम का दर्जा मिला है, और नगर क्षेत्र में सफाई व्यवस्था में तेजी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन इस गली की स्थिति देखकर साफ़ प्रतीत होता है कि निगम की ओर से कुछ स्थानों की उपेक्षा की जा रही है।
स्थानीय नागरिकों और अभिभावकों का कहना है कि यह दृश्य न केवल शर्मनाक है, बल्कि “स्वच्छ शिलचर” के दावे को भी कटघरे में खड़ा करता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शिलचर नगर निगम और प्रशासन इस गंभीर स्थिति पर क्या कार्रवाई करता है।
जनता की माँग:
- तुरंत कचरा हटाकर नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए।
- विद्यालय के आस-पास स्वच्छता की विशेष निगरानी हो।
- प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से ले और जवाबदेही तय करे।
शहर के हृदयस्थल में फैली इस गंदगी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि केवल पुरस्कार जीतने से कोई शहर स्वच्छ नहीं बनता, बल्कि ज़मीन पर ईमानदार प्रयास और सतत निगरानी की आवश्यकता होती है।





















