नई दिल्ली, 7 अगस्त 2025:भारत के समुद्री क्षेत्र के आधुनिकीकरण और “ब्लू इकोनॉमी” की संभावनाओं को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में आज नई दिल्ली में ‘आईटी कॉन्क्लेव 2025 – समुद्री क्षेत्र में तकनीक का उपयोग’ विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इसका आयोजन केंद्रीय पोत, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन महानिदेशालय शिपिंग (DG Shipping) और कंपनी ऑफ मास्टर्स मरीनर्स ऑफ इंडिया (CMMI) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
इस अवसर पर केंद्रीय पोत, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने संयुक्त रूप से सम्मेलन का उद्घाटन किया और समुद्री क्षेत्र में पारदर्शिता, दक्षता और सुरक्षा को सुदृढ़ करने वाले कई डिजिटल नवाचारों का लोकार्पण किया।
प्रमुख घोषणाएं और लॉन्च:
- ई-समुद्र प्लेटफॉर्म का प्रथम चरण जारी
यह एक क्लाउड-नेटिव डिजिटल प्रणाली है, जिसका उद्देश्य 60 से अधिक समुद्री सेवाओं को एकीकृत करना है। यह मंच पूरी तरह से डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देगा और व्यवसायों के लिए सुगमता सुनिश्चित करेगा। - नई डिज़ाइन की गई डीजी शिपिंग वेबसाइट
जीआईजीडब्ल्यू 3.0 मानकों के अनुरूप बनी यह वेबसाइट अब बहुभाषी और मोबाइल-फ्रेंडली इंटरफेस से युक्त है, जिससे नाविकों, शिपिंग कंपनियों, प्रशिक्षण संस्थानों और अन्य हितधारकों को और अधिक सुगमता होगी। - ‘Leveraging Technology in Maritime’ विज़न डॉक्युमेंट जारी
इसमें समुद्री क्षेत्र के लिए डीजी शिपिंग की डिजिटल रोडमैप को रेखांकित किया गया है। डॉक्युमेंट में वेब आधारित सिमुलेशन टूल्स, डिजिटल आर्काइविंग, ईआरपी समाधान, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, और साइबर-सुरक्षा ढांचे के विकास जैसे अनेक महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं। - AI आधारित डिजिटल परीक्षा प्रणाली का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च
नोएडा के एमएमडी कार्यालय में शुरू किए गए इस पायलट प्रोजेक्ट से नाविकों की परीक्षा प्रणाली और अधिक पारदर्शी और तेज़ होगी।
मंत्रियों के विचार:
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा:
“ई-समुद्र और अन्य डिजिटल पहलों के ज़रिए भारत का समुद्री क्षेत्र अब स्मार्ट, सुरक्षित और भविष्य के लिए तैयार हो रहा है। ये सभी कदम डिजिटल इंडिया, मेरीटाइम इंडिया विजन 2030 और अमृतकाल विजन 2047 के अनुरूप हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत की समुद्री अर्थव्यवस्था डिजिटल नवजागरण के रास्ते पर अग्रसर है। यह तकनीक आधारित पारदर्शिता, दक्षता और नवाचार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का परिचायक है।”
केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा:
“ई-समुद्र जैसे प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए हम निर्बाध सेवाएं, व्यापार में सुगमता और भारत को समुद्री डिजिटलीकरण में अग्रणी केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री जी की डिजिटल इंडिया पहल से प्रेरणा लेते हुए, हम नवाचार, गति और सेवा पर आधारित एक मजबूत समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहे हैं।”
यह आईटी कॉन्क्लेव 2025 न केवल तकनीकी नवाचार का मंच बना, बल्कि भारत के समुद्री क्षेत्र के भविष्य की मजबूत नींव भी रख गया।




















