हाइलाकांदी, 8 अगस्त | एसएस कॉलेज, हाइलाकांदी में बुधवार को “ब्रुसेलोसिस की रोकथाम एवं नियंत्रण” विषय पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला और प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अंतर्गत कार्यरत कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) हाइलाकांदी द्वारा ICAR-NIVEDI, बेंगलुरु के सहयोग से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. योगी शारध्या आर. के स्वागत भाषण से हुआ, जिसके बाद विशिष्ट अतिथियों ने अपने विचार रखे। प्रमुख वक्ताओं में शामिल थे:
- डॉ. शुभदीप रॉयचौधरी, सहायक प्रोफेसर, असम विश्वविद्यालय
- डॉ. पुलक चौधरी, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख, केवीके श्रीभूमि
- डॉ. सुरेश चंद्र बिस्वास, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख, केवीके काछार
- श्री सौमित्र डे, डीपीएम, एएसआरएलएम
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. राजेश्वरी शोम, प्रधान वैज्ञानिक, ICAR-NIVEDI, बेंगलुरु ने ब्रुसेलोसिस जैसी जूनोटिक (पशु से मानव में फैलने वाली) बीमारियों की गंभीरता को रेखांकित करते हुए इनके नियंत्रण हेतु बहु-क्षेत्रीय समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रशिक्षण सत्रों की मुख्य झलकियाँ:
तकनीकी सत्रों में विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा निम्नलिखित विषयों पर गहन चर्चा की गई:
- जैव सुरक्षा एवं रोग की रोकथाम से जुड़े प्रबंधन उपाय
- पशुओं और मनुष्यों में ब्रुसेलोसिस का सटीक निदान
- जूनोटिक रोगों का जोखिम मूल्यांकन और नियंत्रण
- असम में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP) की प्रगति
- बराक घाटी क्षेत्र की स्थानीय पशु चिकित्सा समस्याएँ
सभी सत्रों का संचालन डॉ. राजेश्वरी शोम और डॉ. योगी शारध्या आर. द्वारा किया गया।
इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें किसान, पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, छात्र, पशु प्रेमी, कृषि क्षेत्र से जुड़े लोग और विस्तार कार्यकर्ता शामिल थे।
कार्यक्रम का समापन समूह चर्चा और केवीके फार्म के शैक्षणिक भ्रमण के साथ हुआ। संपूर्ण आयोजन में डॉ. विजय छेत्री, डॉ. सौरभ शर्मा, श्री ए. बालेश्वर सिंह, श्री राजाराम बुनकर और श्रीमती कविता सी. शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
यह जागरूकता अभियान क्षेत्रीय स्तर पर पशु एवं मानव स्वास्थ्य के बीच समन्वय को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।





















