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काठीघोड़ा सीमा विवाद पर उबाल — स्थानीय संगठनों का विरोध, जमीन हस्तांतरण पर चेतावनी

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काछार ज़िले के असम–मेघालय सीमा से सटे बाइकाम खासी पुँजी को मेघालय में शामिल किए जाने की संभावना को लेकर दो छात्र संगठन और स्थानीय लोग तीव्र विरोध जता रहे हैं। ऑल असम आदिवासी स्टूडेंट्स एसोसिएशन और ऑल बराक वैली कार्बी स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि असम की एक इंच भी ज़मीन किसी अन्य राज्य को नहीं दी जाएगी।

संगठनों का आरोप है कि सीमा क्षेत्र में अक्सर मेघालय से आए उग्र खासी समूह किसानों के कामकाज में बाधा डालते हैं और दबंगई करते हैं। उनका कहना है कि यदि यह ज़मीन मेघालय को दी गई तो ऐसी घटनाएं बढ़ेंगी और रक्तपात की स्थिति पैदा हो सकती है।

स्थानीय लोगों ने कहा कि काठीघोड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बाइकाम खासी पुँजी को मेघालय में मिलाए जाने से खासी समुदाय का एकाधिकार स्थापित होगा और सीमावर्ती इलाकों में सद्भावना खत्म हो जाएगी।

उन्होंने मुख्यमंत्री हिमंत विश्वशर्मा और प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि ज़मीन का हस्तांतरण हुआ तो मालिडहर, गुमड़ा बागान, जलालपुर सहित आसपास के 800 से अधिक परिवारों की आजीविका और सुरक्षा संकट में पड़ जाएगी। लोगों ने इस निर्णय को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने का आह्वान किया है।

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