गुरुचरण विश्वविद्यालय, शिलचर में गुरुवार को रूसा 2.0 परियोजना के तहत निर्मित “विष्णु चरण दे पुरकायस्थ मेमोरियल भवन” का लोकार्पण किया गया। भवन का शिलापट्ट अनावरण एवं फीता काटकर उद्घाटन किया असम सरकार के खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री कौशिक राय ने। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. निरंजन राय, शिलचर विधायक दीपायन चक्रवर्ती, कुलसचिव डॉ. विद्युत कांति पाल, शैक्षणिक कुलसचिव डॉ. अभिजीत नाथ, काछार कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अप्रतिम नाग सहित विभिन्न विभागों के प्राध्यापक एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय की छात्रा स्वर्णाली पुरकायस्थ द्वारा सरस्वती वंदना और आनिसा दत्ता द्वारा स्वागत गीत से हुआ। स्वागत भाषण कुलसचिव डॉ. विद्युत कांति पाल ने दिया।
रूसा परियोजना के पूर्व समन्वयक चंदन पाल चौधरी ने भवन निर्माण एवं योजना की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला।
विधायक दीपायन चक्रवर्ती ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय क्षेत्र के विकास में सदैव सहयोगी रहा है और आगे भी रहेगा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह के लिए एयर कंडीशनिंग सिस्टम खरीदने हेतु वे पहले ही 10 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान कर चुके हैं।
असम के मंत्री एवं विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र कौशिक राय ने कहा –
“कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने के बाद उद्घाटन होने वाला यह पहला भवन है। एक पूर्व छात्र के रूप में इसे उद्घाटित कर मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ।”
उन्होंने आश्वासन दिया कि स्वीकृत 10 करोड़ रुपये की राशि 15 सितम्बर तक विश्वविद्यालय को प्राप्त होगी तथा शीघ्र ही नए कैंपस के लिए भूमि भी उपलब्ध कराई जाएगी। मंत्री राय ने विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह के उन्नयन हेतु 10 लाख रुपये का अनुदान भी प्रदान किया।
इस अवसर पर विष्णु चरण दे पुरकायस्थ की नातिन मंजुश्री दे ने वॉयस रिकॉर्डिंग के माध्यम से शुभकामना संदेश भेजा।
डॉ. अप्रतिम नाग ने भवन को विष्णु चरण दे पुरकायस्थ के नाम पर समर्पित किए जाने का विस्तृत कारण प्रस्तुत किया।
कुलपति प्रो. निरंजन राय ने विश्वविद्यालय को भवन निर्माण हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए असम सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन शैक्षणिक कुलसचिव डॉ. अभिजीत नाथ ने किया। कार्यक्रम का संचालन अध्यापिका श्रेया कर ने किया। राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ।





















