फॉलो करें

असम विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग में दीक्षारंभ और लैंगिक समानता पर विशेष कार्यक्रम

29 Views

शिलचर, 19 अगस्त ::असम विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में मंगलवार को दीक्षारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के निर्देशानुसार लैंगिक समानता एवं लैंगिक संवेदनशीलता विषयक एक विशेष कार्यशाला (Induction & Gender Sensitization Programme) भी आयोजित हुई।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता दर्शन विभाग की प्रख्यात अध्यापिका डॉ. मुनमुन चक्रवर्ती रहीं। संस्कृत विभाग की अध्यक्ष प्रो. शांति पोखरेल, अतिथि प्राध्यापक डॉ. कल्लोल राय और डॉ. विश्वजीत रुद्र पाल विशेष रूप से उपस्थित थे। विभाग के स्नातकोत्तर प्रथम व तृतीय सत्र के छात्र-छात्राओं तथा शोधार्थियों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। छात्रों ने उत्तरीय भेंट कर डॉ. मुनमुन चक्रवर्ती का स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रो. शांति पोखरेल के स्वागत भाषण से हुआ।

अपने संबोधन में डॉ. मुनमुन चक्रवर्ती ने कहा कि “परिवार से ही प्रायः यह प्रवृत्ति देखने को मिलती है कि महिलाओं को केवल घरेलू कार्य तक सीमित कर दिया जाए। लेकिन आज के समय में महिलाएँ शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सहित हर क्षेत्र में समान रूप से आगे बढ़ रही हैं। ऐसे में किसी भी प्रकार का लैंगिक भेदभाव अस्वीकार्य है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल महिलाओं के साथ ही नहीं, पुरुषों के साथ भी भेदभाव उचित नहीं है और समाज में तृतीय लिंग समुदाय को भी बराबरी का अधिकार मिलना चाहिए।

डॉ. चक्रवर्ती ने विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि यह समिति छात्राओं एवं महिला कर्मचारियों के साथ किसी भी प्रकार की लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत सुनने और निवारण करने के लिए सदैव उपलब्ध है।

कार्यक्रम के अंत में विभाग की ओर से डॉ. मुनमुन चक्रवर्ती को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल