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दुर्गा प्रतिमा स्थापना के लिए कलश भरने गए युवक डूबे,बरहज समेत युवकों के परिजनों में मातम पसरा
(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
देवरिया। सरयू नदी का किनारा सोमवार सुबह उस वक्त मातम में डूब गया, जब दुर्गा प्रतिमा स्थापना के लिए कलश भरने गए चार युवकों में से तीन नदी की तेज धार में समा गए। बरहज थाना क्षेत्र के गौरा घाट पर हुई इस दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया। चारों युवक कलश जल लेने से पहले स्नान करने लगे थे, तभी हादसा हो गया। गोरखपुर का एक युवक नाविक की सूझबूझ से बचा लिया गया, जबकि तीन युवक अब तक लापता हैं। उनकी तलाश में पुलिस-प्रशासन और गोताखोरों की टीमें लगी हैं, यहां तक कि NDRF तक को अलर्ट कर दिया गया है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सुबह करीब 10 बजे लहछुआ गांव के तीन युवक विवेक (19), रणजीत (16) और शेखर (16) अपने साथी गांगुली (निवासी नई बाजार, चौरी-चौरा, गोरखपुर) के साथ सरयू तट पर पहुंचे। गांव में दुर्गा पूजा का सामूहिक आयोजन चल रहा था और प्रतिमा स्थापना से पहले कलश जल लेने की तैयारी थी। चारों युवकों ने स्नान करना शुरू किया, तभी गहरे पानी और तेज धार ने उन्हें बहा लिया। उनकी चीख-पुकार सुनकर घाट पर मौजूद लोग मदद के लिए दौड़े। नाविक ने अपनी नाव का लंगर फेंककर गांगुली को खींच लिया, लेकिन तीन युवक लहरों में समा गए।
घटना की सूचना मिलते ही लहछुआ गांव में कोहराम मच गया। रोते-बिलखते परिजन घाट पर पहुंचे और अपने लालों को पुकारने लगे। महिलाएं फूट-फूटकर रो पड़ीं, उनका कहना था कि ये युवक हंसमुख और धार्मिक कार्यों में सबसे आगे रहते थे। सुबह तक गांव में पूजा-पर्व की रौनक थी, लेकिन कुछ ही घंटों में मातम ने घर-घर को घेर लिया।
नदी किनारे हजारों की भीड़ उमड़ आई। लोग दूर से ही देखते रहे कि गोताखोरों और प्रशासन की टीमें लापता युवकों की तलाश कर रही हैं। बरहज थाना पुलिस, तहसील प्रशासन और स्थानीय गोताखोर नदी में लगातार जाल डालकर तलाश कर रहे हैं। सीओ अंशुमान श्रीवास्तव ने बताया कि, “घटना की सूचना मिलते ही बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। एक युवक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। तीन की तलाश के लिए गोताखोर और पुलिस लगातार लगे हैं। परिजनों को हर संभव मदद दी जाएगी।”
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरयू नदी के इस घाट पर सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं है। न रस्सी, न जाल, न स्थायी गोताखोर—सब भगवान भरोसे। उनका कहना है कि दुर्गा पूजा जैसे अवसरों पर जब भीड़ बढ़ती है तो प्रशासन को पहले से तैयारी करनी चाहिए, लेकिन हर साल हादसे होते हैं और सबक कोई नहीं लेता। इस घटना ने प्रशासन की लापरवाही पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
पूरे क्षेत्र में इस हादसे से शोक की लहर दौड़ गई है। गांव-गांव से लोग गौरा घाट पहुंचकर जानकारी लेने लगे। जहां एक ओर दुर्गा पूजा की तैयारियां हो रही थीं, वहीं दूसरी ओर मातम ने त्योहार की खुशियों को डूबो दिया। लोग प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि इस हादसे की गहन जांच हो और स्थायी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।
देवरिया की सरयू नदी ने एक बार फिर अपनी तेज धार से तीन परिवारों की खुशियां छीन ली हैं, और पूरा इलाका अब प्रार्थना कर रहा है कि लापता युवकों का जल्द से जल्द पता चल सके।





















