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रंगपुर में मधुरा नदी कटाव से दो सौ से अधिक परिवार बेघर, प्रशासन से त्वरित तटबंध निर्माण की मांग

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संवाददाता, शिलचर, 10 अक्टूबर:
कछार जिले के रंगपुर द्वितीय खंड के रविदास पाड़ा और रंगपुर हाई स्कूल मैदान क्षेत्र में मधुरा नदी के भयानक कटाव से दो सौ से अधिक परिवार पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। लगभग छह सौ मीटर क्षेत्र की जमीन, मकान, पेड़-पौधे यहाँ तक कि पुराना श्मशान घाट तक नदी की धारा में समा गया है।

स्थानीय लोगों के अनुसार, एक ओर भारतमाला परियोजना की नई सड़क का दबाव और दूसरी ओर नदी के निरंतर कटाव ने इलाके की स्थिति को अत्यंत भयावह बना दिया है। रविदास पाड़ा के अनेक परिवार अब खुले आसमान के नीचे जीवनयापन करने को मजबूर हैं।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वे पिछले करीब डेढ़ सौ वर्षों से इस क्षेत्र में रह रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार की ओर से न तो कोई सहायता मिली है, न ही पुनर्वास या तट संरक्षण की कोई ठोस पहल हुई है। उन्होंने बताया कि भारतमाला परियोजना के लिए उन्होंने अपनी भूमि स्वेच्छा से दी थी, परंतु बदले में नदी कटाव रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई।

पिछले दो वर्षों में लगातार बाढ़ और कटाव ने मधुरा नदी के किनारों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। परिणामस्वरूप, कई परिवारों के घर-बार, खेत-खलिहान और सामाजिक श्मशान नदी में बह गए हैं।

पीड़ित निवासी — फुलिया रविदास, दुलाली रविदास, गोलाबी रविदास, लाचिया रविदास, पूर्णिमा रविदास, दिल कुमार रविदास, सर्वजीत रविदास, अमृतलाल रविदास, अमर लाल रविदास, शांत रविदास, संजय रविदास और कुटी रविदास — ने राज्य सरकार से गुहार लगाई है कि नदी के किनारे तटबंध निर्माण के बिना उनका जीवन असंभव हो जाएगा।

उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा शर्मा, मंत्री कौशिक रॉय, विधायक मिहिर कांति सोम, सांसद कुणाल पुरकायस्थ और जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर मधुरा नदी के लगभग छह सौ मीटर हिस्से में तट संरक्षण परियोजना शुरू करने की मांग की है।

ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन शीघ्र कदम नहीं उठाता, तो अगली बरसात तक पूरा गांव नदी में समा जाएगा। क्षेत्रवासियों की अब बस एक ही उम्मीद है — सरकारी हस्तक्षेप और स्थायी समाधान।

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