शिलचर शहर के तारापुर चौथे खंड के बाईपास से सटे श्यामजुराई क्षेत्र में उचित ड्रेनेज व्यवस्था के अभाव में करीब चार सौ से अधिक परिवार लंबे समय से जलजमाव की समस्या से जूझ रहे हैं। थोड़ी-सी बारिश होते ही क्षेत्र में घुटनेभर पानी भर जाता है और नालों का गंदा पानी लोगों के घरों तक घुस जाता है, जिससे जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
स्थानीय समाजसेवी आताउर रहमान लस्कर ने बताया कि भारतमाला परियोजना के तहत शिलचर–रामनगर सड़क के विकास कार्य के साथ-साथ गांव के निकट एक नया नाला निर्माण कार्य आरंभ हुआ है, जो एक सकारात्मक कदम है। किंतु निर्माण एजेंसी की लापरवाही के कारण पुराने दो-तीन कलवर्टों के मुंह बंद हो जाने से वर्षाजल की निकासी रुक गई है। नतीजतन, घरों और दुकानों में पानी घुसने से पूरे इलाके में असुविधा की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि नया बन रहा नाला पर्याप्त गहराई का नहीं है, जिससे जलनिकासी प्रभावी नहीं हो पाएगी। उन्होंने एनएचडीसीएल (NHDCL) के अधिकारियों से मांग की है कि नाले की गहराई कम-से-कम दो फुट बढ़ाई जाए, ताकि भविष्य में जलजमाव की समस्या दोबारा न हो। साथ ही, ग्रामीणों ने अस्थायी रूप से बंद कलवर्टों के मुंह खोलने तथा सड़क किनारे जमा मिट्टी को जेसीबी मशीन से हटाने की भी मांग की है, ताकि पानी के बहाव का मार्ग सुचारू हो सके।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो वे आगामी सोमवार को एनएचडीसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों को एक स्मारक पत्र (स्मारकलिपि) सौंपकर अपना विरोध दर्ज कराएँगे।




















