स्थान: सरस्वती विद्या निकेतन, सिलचर
प्रांत: दक्षिण असम
दिनांक: 17 अक्टूबर 2025
दक्षिण असम प्रांत में ‘सप्तशक्ति संगम’ का पहला कार्यक्रम शुक्रवार को सरस्वती विद्या निकेतन, सिलचर में मातृशक्ति के उल्लासपूर्ण वातावरण में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह उल्लेखनीय है कि विद्यालय में इस श्रृंखला के दो कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं, जिनमें से प्रथम कार्यक्रम आज अंकुर से पाँचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की माताओं की सहभागिता से सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 11:30 बजे माताओं द्वारा सामूहिक रूप से “हम हैं मातृशक्ति” गीत के साथ हुआ, जिससे पूरे प्रांगण में प्रेरणादायक ऊर्जा का संचार हुआ। तत्पश्चात अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर भारत माता, ओंकार एवं माँ सरस्वती को पुष्पांजलि अर्पित की गई। विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत वंदना ने कार्यक्रम में एक दिव्य वातावरण निर्मित किया।
अतिथियों का स्वागत सम्मानपूर्वक उत्तरीय पहनाकर माताओं — शिला सेन, करबी सेन, चम्पी पाल, बरण, मीनाक्षी सेन, राजश्री आचार्य एवं जयंती भट्टाचार्य — द्वारा किया गया।
मंच पर विशिष्ट रूप से उपस्थित रहीं —
- डॉ. गोपा सिन्हा, पूर्व प्राध्यापिका, गुरूचरण महाविद्यालय
- डॉ. प्रदीप्ता दे, प्राध्यापिका, अर्थशास्त्र विभाग, गुरूचरण कॉलेज
- डॉ. शमिता भट्टाचार्य, प्रसिद्ध कवयित्री एवं लेखिका
- संगीता राय चौधरी, प्रधानाचार्या, सरस्वती विद्या निकेतन (दक्षिण शिलचर)
- मॉमी दास, उपाध्यक्षा, मातृ सम्मेलन
कार्यक्रम की प्रस्तावना जयंती भट्टाचार्य ने प्रस्तुत की, जबकि सुमन पाल ने अपने अनुभव साझा किए। इसी क्रम में दशम कक्षा के छात्र मनीष धर ने “सुभाषितानि” का प्रभावी पाठ किया।

मुख्य वक्ता डॉ. प्रदीप्ता दे ने अपने संबोधन में मातृशक्ति सम्मेलन के महत्व और परिवार में नारी की प्रबोधक भूमिका पर प्रकाश डाला। प्रधानाचार्या संगीता राय चौधरी ने श्रीमद्भगवद्गीता में वर्णित नारी की सप्तशक्ति की व्याख्या करते हुए कहा कि नारी ही सृजन, संवर्धन और संस्कार की आधारशिला है। वहीं डॉ. शमिता भट्टाचार्य ने पंच कर्तव्यों के पालन पर सारगर्भित विचार रखे, जो उपस्थित माताओं के लिए प्रेरणादायी रहे।
कार्यक्रम में माताओं ने श्रीश्री माँ शारदा देवी और अहिल्याबाई होल्कर जैसी महान नारियों के आदर्शों का मंचन किया। माँ शारदा देवी की भूमिका दशम कक्षा की छात्रा अर्पिता राय ने निभाई, जबकि सप्तम कक्षा की छात्रा वैभवी चक्रवर्ती ने सहयोग दिया।
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली नौ महिलाओं को सम्मानित किया गया। इनमें प्रमुख हैं —
- प्रसिद्ध पत्रकार एनायती देव दत्त,
- शिक्षाविद् एवं साहित्यकार डॉ. श्यामली कर भावाल,
- महिला पुलिसकर्मी ऊषा रानी सिंह,
- समाजसेवी गीता रानी नाथ आदि।
इसके उपरांत माताओं के बीच आयोजित क्विज़ प्रतियोगिता ने उत्साह का संचार किया, जिसका संचालन उप-प्रधानाचार्या पियाली दे ने किया। माताओं ने अपने विचार साझा किए और सभाध्यक्ष ने प्रेरक शब्दों में कार्यक्रम का सार प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन आचार्या फाल्गुनी पाल ने किया, जबकि संकल्प वाचन आचार्या अर्पिता धर द्वारा सम्पन्न हुआ।
माताओं के समूह गीत में संगीत सहयोग आचार्या जयंती चौधरी (हारमोनियम) और मनीष धर (तबला) ने दिया।
सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन आचार्या सोनाली देव ने कुशलता से किया।
‘सप्तशक्ति संगम’ के इस प्रथम सत्र ने नारीशक्ति के उत्थान, परिवार व समाज में उनकी भूमिका, और भारतीय संस्कृति में निहित मातृमूल्यों के पुनर्स्मरण का सार्थक संदेश दिया।




















