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धार्मिक आस्था और आध्यात्मिक चेतना से ओतप्रोत वातावरण में शनिवार की शाम शिलकुड़ी के ऐतिहासिक बरम बाबा मंदिर तालाब परिसर में भव्य गंगा आरती एवं छठ महोत्सव का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम शिलकुड़ी सनराइज क्लब के तत्वावधान में संपन्न हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालु, महिलाएं, युवा और समाजसेवी शामिल हुए। पूरा परिसर जय छठी मइया और हर हर गंगे के जयघोष से गूंज उठा। कार्यक्रम का शुभारंभ श्यामसुंदर अखाड़ा, शिलचर के स्वामी प्रभाकर पंड्या ने फीता काटकर किया। उन्होंने गंगा माँ की महिमा का बखान करते हुए कहा, गंगा माँ हमारे जीवन की रक्षा करती हैं। हम वृंदावन और हरिद्वार में भी यही अनुभव करते हैं कि माँ अपने पावन जल से हमारे सारे पाप धो देती हैं। अगर गंगा माँ न होतीं, तो जीवन की कल्पना अधूरी रह जाती। उन्होंने कहा कि गंगा माँ की पूजा करना हमारे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है। बरम बाबा मंदिर के आचार्य सविता शर्मा ने छठ पर्व के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि यह व्रत लोक आस्था, संयम और कृतज्ञता का अद्भुत प्रतीक है।
उन्होंने बताया कि व्रती बिना पानी के लगातार 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखते हैं। तीसरे दिन शाम को व्रती पीतल के पात्र या शुभ कलश में फल, प्रसाद और पूजा सामग्री सजा कर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी करती हैं। सूर्योदय से पहले व्रती नदी, तालाब या जलाशय के तट पर जाकर जल में खड़े होकर सूर्यदेव की आराधना करते हैं।

सूर्य उदय होने पर दूध, जल और फलों से अर्घ्य अर्पित किया जाता है, जिसके बाद प्रसाद परिवार, रिश्तेदारों और आसपास के लोगों में बाँटा जाता है।
आचार्य शर्मा ने कहा कि छठ व्रत केवल धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि यह प्रकृति, सूर्य और जल के प्रति मानव की कृतज्ञता की अभिव्यक्ति है।
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में उपस्थित काछार भाजपा के महासचिव अमिताभ राय ने अपने उद्बोधन में कहा,माँ गंगा भारत की जीवनधारा हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक हमारे जीवन में उनका अटूट संबंध बना रहता है। छठी मइया का यह पर्व प्रकृति और जल के प्रति हमारी श्रद्धा का प्रतीक है।”
उन्होंने कहा कि कोरोना काल के अंधकार के बाद आज गंगा आरती के माध्यम से हम सबके जीवन में प्रकाश लौटा है। 2019-20 का वह कठिन समय सबको याद है, जब लोग अपने ही परिजनों से दूर हो गए थे। आज गंगा आरती हमें फिर एकता और विश्वास का संदेश दे रही है। भाजपा नेता अमिताभ राय ने आगे कहा कि इस आयोजन से न केवल धार्मिक वातावरण बना, बल्कि सामाजिक समरसता का भी संदेश मिला। उन्होंने आयोजन समिति – शिलकुड़ी सनराइज क्लब – के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया और कहा कि उनके प्रयासों से यह आयोजन पूरे जिले के लिए प्रेरणा बन गया है।कार्यक्रम शुभारंभ के बाद सभी अतिथियों को असमिया गमछा भेंट कर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम के दौरान गायक जुबिन गर्ग और अमर शहीद राजीव नूनिया को श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि के समय पूरे मैदान में मौन श्रद्धा का माहौल छा गया। सांझ ढलते ही जब तालाब के जल में दीपों की श्रृंखला तैरने लगी, तो दृश्य अत्यंत मनमोहक बन गया। सैकड़ों दीपों की रोशनी में तालाब का हर कोना दिव्यता से भर उठा।भक्तों ने जल में खड़े होकर हर हर गंगे और जय छठी मइया के जयकारे लगाए। चारों ओर भक्ति, संगीत और श्रद्धा का एक पवित्र वातावरण बन गया।गंगा आरती के बाद स्थानीय कलाकारों के साथ शिलचर से आए कलाकारों ने छठ पूजा गीत और भजनों की प्रस्तुति दी। भक्ति गीतों पर दर्शक झूम उठे। कार्यक्रम में महिलाओं और बच्चों की भी बड़ी भागीदारी रही। इस मौके पर बरम बाबा मंदिर परिचालन समिति के अध्यक्ष ध्रुवनाथ सिंह, डॉ रंजन सिंह, डॉक्टर अमित कलवार, डॉ मंजरी वर्मा, चातला मंडल भाजपा के सभापति मानव सिंह,भोराखाई हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक उत्तम सिंह, प्रदीप कुर्मी, सूबचन ग्वाला, बाबुल केवट, भोराखाई घुंघूर जीपी सभापति अनिल चंद्र दत्ता, बरमबाबा जीपी सभापति रमेश नूनिया, समाजसेवी बिमल नूनिया, विश्वनाथ पात्र, चन्दन यादव, अमर तिवारी, सुरुजनाथ ग्वाला, मनोज कुमार नूनिया व जिला परिषद सदस्या सरस्वती रविदास सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। हिंदीभाषी छात्र परिषद के अध्यक्ष संजीव राय ने कहा कि इस गंगा आरती ने समाज में एकता, श्रद्धा और सकारात्मकता का संदेश दिया है। पूरा आयोजन अत्यंत सफल और अनुशासित वातावरण में संपन्न हुआ।
श्रद्धालुओं ने बताया कि बरम बाबा मंदिर का यह आयोजन अब हर वर्ष भव्यता के साथ किया जाएगा।
माँ गंगा और छठी मइया की आराधना के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। दीपों की रोशनी और आरती की ध्वनि से पूरा क्षेत्र आध्यात्मिक आलोक में नहाया हुआ प्रतीत हो रहा था।





















