आगामी 2026 विधानसभा चुनाव के नज़दीक आने के साथ ही अल्गापुर-कटलीछोरा क्षेत्र में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। कांग्रेस, एआईयूडीएफ और भाजपा के खेमों ने उम्मीदवारों के चयन को लेकर अपने अभियान शुरू कर दिए हैं। इस बीच, मौजूदा एआईयूडीएफ विधायक निज़ामुद्दीन चौधरी द्वारा कांग्रेस से टिकट की मांग ने राजनीतिक विवाद को और गहरा दिया है।
प्रदेश कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ के सचिव ज़हीरुल इस्लाम मजूमदार (ज़ौहर) ने इस पर तीखा प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “विधायक निज़ाम अब खुद नहीं बता सकते कि वह असल में किस पार्टी से हैं। एआईयूडीएफ में उनकी अब तक की नाकाम राजनीति ने जनता का विश्वास खो दिया है। अचानक कांग्रेस का नाम लेना उन्हें कांग्रेसी नहीं बनाता।”
ज़ौहर ने आगे कहा, “निज़ाम का बयान पूरी तरह अप्रासंगिक है। जिस तरह से वह बेतुकी टिप्पणियाँ कर रहे हैं, उससे साफ़ दिखता है कि उनका राजनीतिक संतुलन खो चुका है। कांग्रेस के लिए उन्हें टिकट देना कभी संभव नहीं है।”
कांग्रेस नेता ने अपनी निष्ठा भी स्पष्ट की और कहा, “कांग्रेस मेरे खून में है। मैं जन्म से ही इस पार्टी का कार्यकर्ता रहा हूँ और मरते दम तक इसके साथ रहूँगा। टिकट चाहे किसी को भी मिले, हम पार्टी उम्मीदवार के साथ एकजुट रहेंगे और कांग्रेस के लिए काम करेंगे।”
उन्होंने हाइलाकांडी की तीन विधानसभा सीटों में विधायकों की भूमिका पर भी सवाल उठाए और कहा, “तीन में से दो सीटें बंट चुकी हैं, जबकि चार होनी चाहिए थीं। इन तीनों विधायकों ने विधानसभा में किसी भी विरोध को सामने नहीं लाया, जो उनकी विफलता है।”
ज़ौहर ने निज़ाम की हालिया टिप्पणी पर कटाक्ष करते हुए कहा, “निज़ाम ने खुद कहा था कि वह पीयूष हज़ारिका के आदमी हैं। लेकिन पीयूष हज़ारिका भाजपा के मंत्री हैं। सवाल यह उठता है कि वह असल में किस पार्टी में हैं?”
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि ज़ौहर का यह बयान अल्गापुर-कटलीछोरा सीट पर कांग्रेस के भीतर नए समीकरण की झलक देता है और आगामी चुनाव में राजनीतिक रंजिशों की संभावित गहराई का संकेत है।





















