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श्रीकाशीविद्वद्धर्मपरिषद् का धार्मिक, आध्यात्मिक एवं शैक्षिण पहल एक सराहनीय प्रयास- प्रो. त्रिपाठी
परम पूज्य यज्ञसम्राट् महामण्डलेश्वर स्वामी श्री प्रखर जी महाराज के सांनिध्य एवं श्रीकाशीविद्वद्धर्म परिषद् (संस्थापित श्री श्री 1008 श्री मौनी बाबा चैरिटेबल ट्रस्ट- न्यास) के संकल्प से बाबा विश्वनाथ की नगरी, काशी में स्थित महाराजश्री की कुटिया में श्रीमद्भागवत के अध्ययन केन्द्र श्रीमद्भागवतगुरुकुलम् के नाम से आरम्भ हो चुका है। पूर्वमीमांसा एवं धर्मशास्त्र के उत्कृष्ट विद्वान् पंडित प्रवर आचार्य श्री कमलाकान्त त्रिपाठी जी के आचार्यत्व में विद्वान् लोग आकर श्रीमद्भागवत का अध्ययन कर सकते हैं।
इस अवसर पर श्रीकाशीविद्वद्धर्म परिषद् के अध्यक्ष प्रो. छोटेलाल त्रिपाठी जी ने कहा कि आज कल शास्त्र परम्परा से अध्ययन अध्यापन करवाने वाले विद्वानों में न्यूनता आ गई है इसीलिए महाराज जी की प्रेरणा एवं परिषद् के संकल्प से काशी में यह परम्परा आरम्भ की जा रही है। परिषद् धर्म, अध्यात्म एवं आचार्य परम्परा को संरक्षित व संवर्धित करने लिए भी बहुत से योजनाओं पर कार्य करेगी।
वक्ता के क्रम में काशी की पांडित्य परम्परा के संवाहक आचार्य सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के वेदान्त विभाग के अध्यक्ष एवं श्री मौनी बाबा न्यास के वरिष्ठ न्यासी प्रो. सुधाकर मिश्र ने कहा कि विगत 2 वर्ष पूर्व में हमारे आवास पर विविध प्रकल्पों को संचालित करने हेतु न्यास द्वारा परिषद का गठन किया। जो अब अपने संकल्पों के साथ आगे बढ़ रही है। ऐसे प्रकल्पों के माध्यम से ही शास्त्र परम्परा बचेगी।
विषय प्रस्तावना को प्रस्तुत करते हुए परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. कमलाकान्त त्रिपाठी जी बताया कि श्रीप्रखर जी महाराज के आदेश पर उनके कुटिया पर श्रीमद्भागवत जी का परायण के साथ आज से और भी ग्रन्थों का अध्ययन आरम्भ किया जायेगा। परिषद की इस पहल से गुरु शिष्य परम्परा अनवरत रूप से चलती रहेगी।
इसी क्रम में परिषद् के प्रवक्ता डॉ. विजय शर्मा ने बताया कि परिषद के साथ उसकी योजनाओं पर कार्य करना हमारा सौभाग्य होगा।
व्याकरण विभाग के आचार्य एवं शास्त्रार्थ महारथी डॉ. दिव्य स्वरूप ब्रह्मचारी जटा बाबा ने अपने उद्बोधन में कहा कि काशी की पांडित्य परम्परा युगों युगों से विश्व व्याप्त है और श्रीकाशीविद्वद्धर्म परिषद् की विविध प्रकल्पों से इसे और सवलता मिलेगी।
इसी क्रम में श्री कांची कोठी मठ के वरिष्ठ आचार्य एवं संस्कृत संस्कृति के अध्येता आ . सुब्रमण्य जी बताया कि परिषद् एवं स्वामी जी के संकल्पों से संचालित जन जागरण की योजनाओं में हम तन, मन एवं धन से सहयोग करेंगे।
कार्यक्रम का संचालन श्री श्री 1008 श्री मौनी बाबा चैरिटेबल ट्रस्ट न्यास के मुख्य न्यासी व गुरुकुल एवं मन्दिर सेवा योजना प्रमुख जम्मू कश्मीर प्रान्त के प्रमुख डॉ. अभिषेक कुमार उपाध्याय ने कार्यक्रम का कुशल संयोजन किया। इस पर डॉ. ज्ञानेन्द्र सापकोटा, डॉ. अच्चुत कृष्ण त्रिपाठी, डॉ. विश्वेश्वरदेव प्रसाद मिश्र, डॉ. रामप्रिय पाण्डेय, तूफानी बाबा सहित अन्य गणमान्य सन्त विद्वान उपस्थित रहे।
अन्त में सभी उपस्थित अतिथियों एवं विद्वानों को धन्यवाद ज्ञापन एवं स्वागत श्रीप्रखर परोपकार मिशन के संचालिका माता चिदानंदमयी ने किया
समस्त कार्यक्रम मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष तृतीया को महाराजश्री की कुटिया, 22 बी/157 बी, विनायका, संकुलधारा पोखरा के पास, कमच्छा में काशी के विशिष्ट विद्वानों की उपस्थिति में श्रीमद्भागवतगुरुकुलम् का
श्रीप्रखर परोपकार मिशन ट्रस्ट इकाई, काशी के विशेष सहयोग से सम्पन्न हुआ।





















